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उत्तराखंड: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हाईकोर्ट से राहत

-अमृतेश सिंह चौहान ने वर्ष 2018 में उमेश शर्मा नाम के व्यक्ति के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उमेश शर्मा ने खुद को निजी न्यूज चैनल का मालिक बताकर उन्हें फोन किया। वाट्सएप कॉल व मैसेज भेजकर अमृतेश को त्रिवेंद्र सरकार को गिराने के लिए गुप्त जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा गया। प्राथमिकी के बाद झारखंड पुलिस ने आरोपी उमेश को देहरादून से गिरफ्तार किया था।

उत्तराखंड में (वर्ष 2018) सरकार गिराने की साजिश और ब्लैकमेल करने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को राहत मिली है। झारखंड हाईकोर्ट ने याचिका से रावत का नाम हटाने का निर्देश दिया है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान रावत की ओर से अदालत को बताया गया कि मामले में कोर्ट से उन्हें नोटिस जारी हुआ था। लेकिन, मामले में वह न तो आरोपी हैं और न ही उनका मामले से कोई लेना-देना है। उन्हें नोटिस करना उचित नहीं है। इस पर अदालत ने उनका नाम याचिका से हटाने का निर्देश दिया।

रांची के अमृतेश सिंह चौहान ने वर्ष 2018 में उमेश शर्मा नाम के व्यक्ति के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में अमृतेश कुमार चौहान ने कहा है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके अच्छे संबंध हैं। उमेश शर्मा ने खुद को निजी न्यूज चैनल का मालिक बताकर उन्हें फोन किया। वाट्सएप कॉल व मैसेज भेजकर अमृतेश को त्रिवेंद्र सरकार को गिराने के लिए गुप्त जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा गया।

उमेश कुमार ने कहा कि ऐसा न करने पर वह अमृतेश सिंह चौहान को ईडी के झूठे केस में फंसा देगा। उसने दिल्ली या देहरादून आकर मिलने का दबाव बनाया था। मामले में 23 मार्च को हाईकोर्ट ने सूचक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को नोटिस जारी किया था।

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