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रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

-खुदकुशी के लिए उकसाए (Abetment of Suicide) जाने वाले आरोप के मामले में अर्नब सहित दो अन्य आरोपियों को भी मिली जमानत

शब्द रथ न्यूज: सुप्रीम कोर्ट में रिपब्लिक टीवी (Republic TV) के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami’s bail plea) की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अर्नब को अंतरिम जमानत दे दी है। खुदकुशी के लिए उकसाए (Abetment of Suicide) जाने वाले आरोप के मामले में अर्नब सहित दो अन्य आरोपियों को भी जमानत मिल गई है।
शीर्ष अदालत ने जेल प्रशासन और कमिश्नर को आदेश का पालन होने को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि वो नहीं चाहते कि रिहाई में दो दिन की देरी हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि वो निचली अदालत को जमानत की शर्तें लगाने को कहते तो और दो दिन लग जाते, इसलिए हमने 50,000 का निजी मुचलका जेल प्रशासन के पास भरने को कहा है। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट गए थे।
मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने की।

कोर्ट दखल नहीं देता तो वह बर्बादी के रास्ते पर बढ़ना होता

सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि कोर्ट इस केस में दखल नहीं देता है, तो वो बरबादी के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। कोर्ट ने कहा कि ‘आप विचारधारा में भिन्न हो सकते हैं लेकिन संवैधानिक अदालतों को इस तरह की स्वतंत्रता की रक्षा करनी होगी, वरना तब हम विनाश के रास्ते पर चल रहे हैं। ‘ जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के लिए यह बेहतर है कि वह मामले के कानूनी पहलुओं पर ध्यान न दे क्योंकि यह मुद्दा वहां लंबित है और अंतरिम राहत के बिंदु तक सीमित रहेगा। अग्रिम जमानत के मामलों में भी, अदालतें गिरफ्तारी न करने के लिए अंतरिम आदेश पारित करती हैं। जबकि, अभियोजन को नोटिस जारी किया जाता है।

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