उत्तराखंड में आयुष चिकित्सक नाराज, बोले.. वेतन कटौती पर तत्काल लगे रोक, मिले प्रोत्साहन भत्ता
-कोरोना काल में 6 महीने से प्रतिमाह काटा जा रहा है डाक्टरों व कर्मचारियों का एक दिन का वेतन, चिकित्सकों ने रोष
-राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ डीसी पसबोला ने मीडिया से की बात
-आयुष चिकित्सकों की बहुप्रतीक्षित डीएसीपी की मांग भी सरकार ने अभी तक पूरी नहीं की, सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप
-संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष डॉ केएस नपलच्याल व प्रान्तीय महासचिव डॉ हरदेव रावत ने आयुष मंत्री डॉ हरक सिंह रावत व उच्च अधिकारियों को लिखा था पत्र, नहीं हुई कोई कार्रवाई
देहरादून। आयुष चिकित्सकों ने प्रत्येक महीने एक दिन का वेतन काटने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में फ्रन्टलाइन आयुष कोरोना वारियर्स छह माह से अधिक समय से दिन रात जी-जान से कोविड-19 ड्यूटी में लगे हुए हैं। उनकी इस कर्मठता ने लिए उन्हें प्रोत्साहन भत्ता मिलना चाहिए। सरकार तत्काल वेतन कटौती बंद करे और चिकित्सकों को प्रोत्साहन भत्ता देना सुनिश्चित करे।
डॉ डीसी पसबोला
प्रदेश मीडिया प्रभारी, राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ, उत्तराखंड
राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ डीसी पसबोला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड सरकार प्रत्येक महीने एक दिन की वेतन कटौती कर रही है, यह अनुचित है। यह कार्रवाई आयुष चिकित्सकों के मनोबल को हतोत्साहित करने वाली है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने एलोपैथिक चिकित्सकों को वेतन कटौती के संबंध में सकारात्मक आश्वासन देकर उनके कार्य बहिष्कार के निर्णय को वापस करवा दिया था। लेकिन, आयुष चिकित्सकों को कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं दिया गया है, इससे आयुष चिकित्सकों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
पसबोला ने कहा कि प्रदेश के कोविड-19 सर्विलांस ड्यूटी, कोरंन्टाइन सेंटर्स ड्यूटी और सैम्पल कलेक्शन सेंटर्स में 95 प्रतिशत आयुष फ्रन्टलाइन कोरोना वारियर्स ही उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे हैं। उनकी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। दूसरी तरफ, आयुष चिकित्सकों की बहुप्रतीक्षित डीएसीपी की मांग भी सरकार ने अभी तक पूरी नहीं की है। इस तरह से आयुष प्रदेश में सरकार का आयुष चिकित्सकों की उपेक्षा करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
पसबोला ने कहा कि संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष डॉ केएस नपलच्याल की ओर 5 सितंबर 2020 व प्रान्तीय महासचिव डॉ हरदेव रावत की ओर से 16 सितंबर 2020 को आयुष मंत्री डॉ हरक सिंह रावत, आयुष सचिव एवं निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं को भी पत्र भेजा गया है। लेकिन, उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उधर, संघ के प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉ अजय चमोला ने भी आयुष चिकित्सकों व स्टाफ के एक दिन की वेतन कटौती पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही सरकार से प्रोत्साहन भत्ता देने का अनुरोध भी डॉ चमोला ने किया है।