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ब्रेकिंग, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

-गत सोमवार को नैनीताल हाईकोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर आरोपों की जांच की जाय। फैसले के विरोध में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी, जिस पर आज सुनवाई हुई

देहरादून (dehradun)। मुख्यमंत्री (cm) त्रिवेंद्र सिंह रावत (trivendra Singh rawat) को सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने फिलहाल राहत दे दी है। मुख्यमंत्री के खिलाफ नैनीताल (nainital high court) हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रोक लगा दी है।
मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले की समीक्षा करेगा। उसके बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। तब तक हाईकोर्ट के फैसले पर पूरी तरह से रोक रहेगी। सीबीआई किसी तरह की कार्रवाई नहीं करेगी।

गौरतलब है कि गत सोमवार की नैनीताल हाईकोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर आरोपों की जांच की जाय। हाईकोर्ट ने यह आदेश पत्रकार उमेश शर्मा (Umesh Sharma) के खिलाफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि बिगाड़ने के मामले में दर्ज मुकदमें में दिया था। कोर्ट ने शर्मा के खिलाफ दायर मुकदमा की रद करने के आदेश भी दिए थे।

यह है असल मामला

देहरादून निवासी प्रो. हरेंद्र सिंह रावत (harendra singh Rawat) ने 31 जुलाई 2016 को देहरादून में पत्रकार उमेश शर्मा व अन्य के खिलाफ ब्लैकमेलिंग, बदनाम करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था। तहरीर में कहा गया था कि उमेश शर्मा ने उनके खिलाफ सोशल मीडिया में खबर चलाई थी। खबर में कहा गया कि हरेंद्र व उनकी पत्नी सविता के खाते में नोटबंदी के दौरान झारखंड से अमृतेश चौहान ने रुपए जमा करवाए। यह रुपए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने की बात कही गई थी। शिकायतकर्ता ने कहा कि उनकी पत्नी मुख्यमंत्री की पत्नी की बहन नहीं हैं, उमेश शर्मा ने खबर में जो भी तथ्य बताए हैं, वह पूरी तरह से गलत व झूठे हैं। उमेश शर्मा ने उनके बैंक के कागजात भी गलत तरीके से बनवाए, उनके बैंक खातों की सूचना गैरकानूनी तरीके से ली। मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने उमेश शर्मा व अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह, गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

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