साहित्य

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजेश्वर उनियाल की उत्तराखंड को समर्पित एक रचना… ए मेरे उत्तराखंड

डॉ राजेश्वर उनियाल मुंबई, महाराष्ट्र —————————————————————————————— ए मेरे उत्तराखंड ए मेरे उत्तराखंड, ए मेरे उत्तराखंड,…

राज्य स्थापना दिवस पर विशेष: धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ की गढ़वाली रचना… स्वर्ग छ बल स्वर्ग छ, उत्तराखंड मा स्वर्ग छ

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ अल्मोड़ा, उत्तराखंड ————————————————————– स्वर्ग छ बल स्वर्ग छ, उत्तराखंड मा स्वर्ग छ,…

राज्य स्थापना दिवस पर विशेष: धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’… हमको चाहिए अब खौलता हुआ उत्तराखंड

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ अल्मोड़ा, उत्तराखंड ———————————————————————— हमको चाहिए अब खौलता हुआ उत्तराखंड। न्याय-अन्याय को तौलता…

वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक ग़ज़ल… कोई उनसे कहो कि आज दीवाली है लौट आये… 

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————————- गज़ल  कोई पास ना आने के कर गया बहाने कैसे कैसे…

युवा कवि धर्मेन्द्र उनियाल ‘धर्मी’ की एक रचना… हम संघर्षों की हर कहानी भूल गए..

धर्मेंद्र उनियाल धर्मी अल्मोड़ा, उत्तराखंड  ———————————————————————— हम संघर्षों की हर कहानी भूल गए, पहाड़ों का…

कवि/गीतकार वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” के गढ़वाली में दो छंद (मनहरण घनाक्षरी) 

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड  ——————————————————————  मनहरण घनाक्षरी छंद  1- पाड़ देखा रोणु छ यू,…

उत्तराखण्ड की धार्मिक संस्कृति एवं प्राचीन धर्म स्थलों पर लिखित पुस्तक माँ पीताम्बरा का विमोचन

-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड की धार्मिक संस्कृति एवं…

कवि/शाइर जीके पिपिल की एक ग़ज़ल… महबूबा अपनी सलामत रहे उम्र दराज़ हो जाये..

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————- गज़ल हर लफ़्ज़ इश्क़ में डूबा हुआ अल्फ़ाज़ हो जाये…