साहित्य

डॉ अलका अरोड़ा की श्रृंगार की एक रचना… मन की बातें बतायें तुम्हें क्या

डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून —————————————— विधा-गीत स्वरचित-श्रृंगार रस की रचना यादे यूँ भी पुरानी चली…

मुंबई महाराष्ट्र से तारा पाठक की एक कविता… उचित है मैं केंचुआ हूँ.. कोशिश भी नहीं की बनूं संपोला

तारा पाठक वर्सोवा मुंबई, महाराष्ट्र ————————————– दूसरों के लिए —————————– उचित है मैं केंचुआ हूँ।…

जसवीर सिंह हलधर की हिंदी गज़ल.. क्रोध में धौली नदी हमने उबलती देख ली..

जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ————————————— ग़ज़ल(हिंदी) ————————— पीर पर्वत की पिघल लावा उगलती देख…

डॉ अजय सेमल्टी की बहुत कुछ समझाती दो कविताएं…. शंकर माथा पकड़े बैठे.. भागीरथ भी प्यासा है

डॉ अजय सेमल्टी गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल —————————————————- भागीरथ भी प्यासा है…….. शंकर माथा पकड़े…