Thu. Nov 21st, 2024

साहित्य

धरा-गगन हैं साक्षी सजा सिर पर ताज, भारत माँ ने पाया उत्तराखंड सरीखा लाल…

तारा पाठक कवियत्री, समाज सेविका कुलावा, मुंबई, महाराष्ट्र ———————————————– धरा-गगन हैं साक्षी सजा सिर पर…

भोर आज हंस रही है शाम मुस्कुरा रही, देवभूमि आज अपनी वर्षगांठ मना रही…

जगदीश ग्रामीण कवि/शिक्षक टिहरी गढ़वाल —————————————– दर्द – ए – दिल ——————————- भोर आज हंस…

प्रेम पर ‘वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ”‘ की कुंडलियां….

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” कवि/गीतकार देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————— प्रेम पर ‘वीरेंद्र डंगवाल पार्थ’ की कुंडलियां 1-…