Fri. May 17th, 2024

ग़ज़ल

कवि जसवीर सिंह हलधर की ग़ज़ल… सभ्यता लौटी नहीं अब तक फिरंगी झील से..

जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ——————————————- ग़ज़ल (हिंदी) ————————– सभ्यता लौटी नहीं अब तक फिरंगी…

कवि जसवीर सिंह हलधर की शानदार गज़ल.. समंदर दर्द अपना हर किसी से कह नहीं सकता..

जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ————————————– ग़ज़ल ( हिंदी) —————– समंदर दर्द अपना हर किसी…

कवि जसवीर सिंह हलधर की हिंदी गज़ल.. दिले जज़्बात लिखता हूँ तराने हिन्द गाता हूँ

जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ————————————– ग़ज़ल (हिंदी) —————————— दिले जज़्बात लिखता हूँ तराने हिन्द…

मिर्जा ग़ालिब पुण्यतिथि पर विशेष, कवि जसवीर सिंह हलधर की एक ग़ज़ल

जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ———————————- ग़ज़ल( हिंदी) —————————– (मिर्जा ग़ालिब पुण्य तिथि) सियासत की…

जसवीर सिंह हलधर की हिंदी गज़ल.. क्रोध में धौली नदी हमने उबलती देख ली..

जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ————————————— ग़ज़ल(हिंदी) ————————— पीर पर्वत की पिघल लावा उगलती देख…

कवि जसवीर सिंह हलधर की एक ग़ज़ल, खलिहान ही उजड़े मिले, महकी मिलीं सब मंडियां..

जसवीर सिंह ‘हलधर’ देहरादून, उत्तराखंड —————————————- ग़ज़ल (हिंदी) —————————— राही सभी थक कर गिरे, चलती…

कवि जसवीर सिंह हलधर की शानदार ग़ज़ल.. कौम से मौका परस्ती ठीक है क्या सोच ले..

जसवीर सिंह ‘हलधर’ देहरादून, उत्तराखंड ———————————————- ग़ज़ल ( हिंदी) ———————————- कौम से मौका परस्ती ठीक…

शाइर एलसी जैदिया “जैदि” की एक गज़ल, अंखियों ने तेरी मुझको मध पिला दिया..

एलसी जैदिया “जैदि” शाइर बीकानेर, राजस्थान ———————————————– गज़ल —————- अंखियों ने तेरी मुझको मध पिला…