कवि/शाइर जीके पिपिल की एक गज़ल… सहर भी कब की हो गई आंखों में रात रह गई
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड गज़ल सहर भी कब की हो गई आंखों में रात रह…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड गज़ल सहर भी कब की हो गई आंखों में रात रह…
जय कुमार भारद्वाज देहरादून, उत्तराखंड ————————————————– पर्यावरण की रक्षा के लिए अखिल भारतीय ब्राह्मण समिति…
राहें अब अंधेरों से परदे, हटा लीजिये अपनी राहों में दीपक, जला लीजिये ये नदी,…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————————————– हमें मोहब्बत की नदी में इस पार से उस पार…
तारा पाठक —————————————————————- नवरात्रि एवं नव वर्ष चैत्र मास की नवरात्रि, नव संवत्सर मंगलमय हो।…
वे तबाही से नजरें चुराते रहे पेड़ यूँ ही जमीं से, जो जाते रहे वे…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————- चाहने वाले ना होते तो हुस्न दुनियां में मशहूर ना…
सुभाष चंद वर्मा रक्षा अधिकारी (सेवा निo) ————————————————————— राहों पे निगाह रखना राहों पे निगाह…
राजेश कुमार जम्मू (जम्मू कश्मीर ) भारत ————————————————— कुछ अनछुए अहसास अलख तेरा सितारों में,…
डॉ अलका अरोडा देहरादून, उत्तराखंड ————————————————– मेरे अहसास एक मुद्दत से उसने मेरा हाल नहीं…