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छात्र शिक्षक कर रहे सहजन व गिलोय का पौधरोपण, वन विभाग और केयर संस्था कर रही सहयोग

देहरादून। औषधीय पौधों के बारे में लोगों को जागरूक करना और उसके प्रयोग के बारे में बताया जाना भी आवश्यक है। कोरोना महामारी ने इसकी भी सीख दी है। जागरुकता के तहत ही केयर संस्था की ओर से भी औषधीय पौधों सहजन व गिलोय आदि का रोपण किया जा रहा है। लोगों को भी पौध लगाने के लिए जागरूक किया का रहा है। साथ ही निशुल्क पौध भी दी जा रही है।
केयर संस्था के साथ मिलकर राजकीय इंटर कालेज के प्रवक्ता कमलेश्वर प्रसाद भट्ट भी पौधरोपण कर रहे हैं।
कमलेश्वर प्रसाद भट्ट ने बताया कि वन विभाग व केयर (कंजर्वेशन एंड रिसर्च फॉर इन्वायरनमेंट) संस्था के सहयोग से सामाजिक जीवन में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने का अवसर मिलता है। वर्तमान में विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रदेश में हरेला-पर्व मनाया जा रहा है। कोरोना काल में सोशल-डिस्टेंस का पालन करते हुए शिक्षकों के मार्गदर्शन व जागरूक अभिभावकों के संरक्षण में बच्चे अपने घरों के आसपास स्थानीय चारापत्ती, फलदार व छायादार पौधों का रोपण कर रहे हैं। केयर संस्था के सहयोग से ‘सहजन’ व ‘गिलोय’ के औषधीय पौधे भी जरूरतमंदों तक निःशुल्क पहुंचाए जा रहे हैं।
भट्ट ने बताया कि सेजन, मुनगा या सहजन के नामों से प्रचलित ‘सहजन’ औषधीय गुणों से भरपूर है। अंग्रेजी में ‘ड्रमस्टिक’ कहे जाने वाले इस पौधे का वनस्पति नाम ‘मोरिंगा ओलिफेरा’ है। दक्षिण भारत के व्यंजनों में इसका खूब उपयोग होता है। भारत के साथ श्रीलंका, मलेशिया, मैक्सिको और फिलीपीन्स जैसे देशों में भी ‘सहजन’ का उपयोग बहुत अधिक किया जाता है। इस पौधे के विभिन्न भागों में कई रोगों के रोकथाम के गुण विद्यमान होते हैं। इसमें मल्टीविटामिन्स, एंटी आक्सीडेंट गुण, दर्द निवारक व एमिनो एसिड मिलते हैं। चारे के रूप में इसकी पत्तियों के प्रयोग से पशुओं के दूध में भी वृद्धि होती है। जानकार मानते हैं कि इसकी पत्तियों के रस को पानी के घोल में मिलाकर फसल पर छिड़कने से उपज में भी वृद्धि महसूस की गई। उप प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी मनमोहन सिंह बिष्ट ने बताया कि इसे रोजगार के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। औषधीय गुणों से भरपूर सहजन की फली की चटनी व अचार कई बीमारियों से मुक्ति दिलाने में सहायक है। सहजन में पानी को शुद्ध करने के गुण भी होते हैं। इसके बीजों से तेल व छाल, पत्ती, गोंद, जड़ से विभिन्न दवाइयां तैयार की जाती हैं। प्रोटीनयुक्त सहजन में विटामिन ‘ए’, ‘सी’, ‘बी कॉम्प्लेक्स’, के साथ ही कार्बोहाइड्रेटस, कैल्शियम, पोटैसियम, आयरन और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है।

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