Fri. Dec 19th, 2025

चुनावी चटकारा … वरिष्ठ कवि जीके पिपिल

जीके पिपिल
देहरादून

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अपने कहे प्रत्येक शब्द को ऐलान समझता है
ख़ुद को छोड़कर सब को बे ईमान समझता है
चुनाव में कोई उसको गम्भीरता से नहीं सुनता
मगर वो ख़ुद को बड़ा हाई कमान समझता है

 

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