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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बुलावे पर दिल्ली रवाना, चर्चाओं का बाजार गर्म

-बुधवार (आज) को मुख्यमंत्री के कई कार्यक्रम तय थे। लेकिन, दिल्ली बुलावे के कारण ये सभी कार्यक्रम रद्द कर मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना हो गए हैं।माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री को भाजपा संगठन की ओर से बुलाया गया है। इसकी ठोस वजह नहीं बताई जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री से उपचुनाव को लेकर रणनीति तय कर सकता है।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अचानक दिल्ली से बुलावा आया। बुधवार (आज) को मुख्यमंत्री के कई कार्यक्रम तय थे। लेकिन, दिल्ली बुलावे के कारण ये सभी कार्यक्रम रद्द कर मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना हो गए हैं।

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री को भाजपा संगठन की ओर से बुलाया गया है। इसकी ठोस वजह नहीं बताई जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री से उपचुनाव को लेकर रणनीति तय कर सकता है। लेकिन, उप चुनाव को लेकर आ रहे तकनीकी पेच के कारण मामला उलझ रहा है। ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या तीरथ सिंह रावत चुनाव तक मुख्यमंत्री रह पाएंगे।

उत्तराखंड में विधानसभा की दो सीट खाली

उत्तराखंड में वर्तमान समय में दो विधानसभा सीट खाली हैं। पहली गंगोत्री सीट जो अप्रैल में गोपाल सिंह रावत के निधन के कारण खाली हुई। दूसरी सीट हल्द्वानी की है, जो कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश के निधन के कारण खाली हुई हैं। दोनों सीट उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में एक साल से कम समय होने के बाद खाली हुई हैं। ऐसे में इन पर चुनाव नहीं हो सकता।

क्या कहता है लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का अनुच्छेद 151-ए

9 अक्टूबर 2018 को चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा था कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुच्छेद 151-ए के मुताबिक़ एक साल से कम समय में खाली हुई सीट पर उपचुनाव नहीं हो सकता। ऐसे में यदि इस नियम को माना जाए तो अब उत्तराखंड में उपचुनाव नहीं होगा। ऐसे में बिना विधानसभा सदस्य बने 6 महीने से ज्यादा कोई मुख्यमंत्री नहीं रह सकता। ऐसी स्थिति में संवैधानिक नियम के मुताबिक वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ेगा। उन्होंने 10 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्हें 9 सितंबर 2021 तक उत्तराखंड में विधानसभा का सदस्य बनाना है। चुनाव आयोग के लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुच्छेद 151-ए के मुताबिक़ अब उत्तराखंड में उपचुनाव हो नहीं सकते, क्योंकि मार्च 2022 में उत्तराखंड के मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होना है और राज्य में चुनाव होंगे।

तीरथ सिंह रावत अभी भी सांसद हैं

तीरथ सिंह रावत 2019 में से पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर सांसद बने। उन्होंने अभी सांसद पद से इस्तीफा नहीं दिया है। ऐसे में यदि वह में 6 महीने के अंदर विधानसभा सदस्य बनने में कामयाब नहीं होते हैं, तो मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद वह सांसद बने रहेंगे।

सिर्फ एनडी तिवारी ने पूरा किया पांच साल का कार्यकाल

उत्तराखंड बनने के बाद से अब तक सिर्फ एनडी तिवारी ही एकमात्र मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने बतौर मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। उनके अलावा भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा नही पाया। एनडी तिवारी के बाद उत्तराखंड में सबसे ज्यादा दिन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पद पर रहे हैं, उनका कार्यकाल लगभग 4 साल का रहा।

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