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मां-बाप का बेटे-बहू का पर केस, 30 मई को होगी सुनवाई

-पौत्र-पौत्री के सुख से वंचित रखने के मामले में महिला ने बेटे-बहू के खिलाफ दायर वाद में मंगलवार को स्थानीय अधिकारी से रिपोर्ट न आने पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 30 मई 2022 तिथि तय की है।

पौत्र-पौत्री के सुख से वंचित रखने के मामले में महिला ने बेटे-बहू के खिलाफ दायर वाद में मंगलवार को स्थानीय अधिकारी से रिपोर्ट न आने पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 30 मई तिथि तय की है। तृतीय एसीजे एसडी कोर्ट ने मंगलवार को स्थानीय संरक्षण अधिकारी से रिपोर्ट तलब की थी।

अधिवक्ता अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सिडकुल स्थित हरिद्वार ग्रीन निवासी महिला साधना प्रसाद ने अपने पुत्र श्रेय सागर व पुत्रवधू शुभांगी के खिलाफ वाद दायर किया था। दायर वाद में महिला ने बताया था कि पुत्र श्रेय सागर उसकी एक मात्र संतान हैं।पुत्र की परवरिश में उन्होंने कोई कमी नहीं की। वर्तमान में श्रेय प्रतिष्ठित एयर लाइन कम्पनी में बतौर पायलट कैप्टन है। श्रेय को पायलट बनाने के लिए यूएसए से प्रशिक्षण में 35 लाख रुपये की फीस, रहन-सहन का खर्च 20 लाख और बेटे-बहू की खुशी के लिए 65 लाख की कार लोन पर खरीद कर दी है।

दिसंबर 2016 में कराई श्रेय-शुभांगी की शादी

दिसंबर 2016 में वंश बढ़ाने के लिए अपने पुत्र श्रेय की शादी शुभांगी (निवासी सेक्टर 75 नोएडा यूपी) के साथ कराई थी। महिला ने नवविवाहित दंपति को हनीमून के लिए थाईलैंड भेजा था। आरोप है कि वहां से लौटने के बाद बहू रोजाना अपने पति से झगड़ा करने लगी। महिला और उसके पति को झूठे केस में फंसाने की धमकी का आरोप है। जिस पर तंग आकर महिला ने बेटे-बहू को संपत्ति से बेदखल कर दिया था।

वंश सुख से वंचित करने का आरोप

आरोप लगाया कि जब उसने बेटे-बहू से एक पौत्र व पौत्री के जन्म के लिए कहा, तो दोनों ने अलग-अलग रहना शुरू कर दिया है। महिला ने दोनों पर शादी के 6 वर्ष बाद भी पौत्र और पौत्री के सुख से वंचित कर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। यही नहीं, दोनों पर संतान उत्पन्न न करने के लिए परिवार न्यायालय में विवाह विच्छेद का केस दायर करने का आरोप लगाया है। दोनों से हर्जाना स्वरूप 5 करोड़ रुपये की मांग की गई है। महिला ने बहू पर अपने पिता-माता व दोनों भाइयों के कहने पर उसे वंश सुख से वंचित करने का आरोप लगाया है।

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