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उत्तराखंड में विकासखंड स्तर पर बनेंगे कोविड केयर सेंटर, सरकार लागू करेगी नई व्यवस्था

-सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में आओजित प्रेसवार्ता में दी जानकारी। स्वास्थ्य सचिव ने सरकार की ओर से की जा रही व्यवस्था व किए गए काम भी गिनाए

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तराखंड सरकार डिसेंट्रलाइज्ड कोविड केयर सिस्टम की नई व्यवस्था लागू करने जा रही है, यह शहर के साथ ग्रामीण व दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू होगी। नई व्यवस्था के तहत हर विकासखण्ड में एक कोविड केयर सेंटर स्थापित किया जाएगा। साथ ही विकासखंड में कंट्रोल रूम भी होगा, जिसके लिए मैन पाॅवर की व्यवस्था की जाएगी। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल टेस्टिंग लैब पर भी विचार कर रही है, जो गांव-गांव जाकर लोगों की सैंपलिंग की व्यवस्था करे।

उत्तराखंड में में कोविड-19 की स्थिति व जानकारी देने के लिए सोमवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि कल यानी रविवार को उत्तराखंड में 4496 केसेस थे। जबकि, रिकवरी 5034 रही। यह काफी समय बाद हुआ कि केसेस से रिकवरी ज्यादा आई है। हमारा प्रयास रहेगा कि इसी तरह की स्थिति बनाकर रखें ।

नेगी ने बताया कि पिछले एक महीने में कुल 2600 आॅक्सीजन बेड, 678 आईसीयू बेड व 192 वेंटिलेटर बढ़ाए गए हैं। एक वर्ष में स्वास्थ्य सुविधाओं में भी काफी सुधार हुआ है। जहां मार्च 2020 में आॅक्सीजन सपोर्ट बेड 673 थे, आज बढ़कर 6000, आईसीयू बेड 216 थे आज बढ़कर 1495, वेंटिलेटर 116 थे। आज 983, आॅक्सीजन सिलेंडर 1193 थे अब 10000 से अधिक और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर 275 थे आज बढ़कर 1500 से अधिक हो चुके हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में आॅक्सीजन मैनेजमेंट बेहतर है। यहां जमशेदपुर व दुर्गापुर से आई ट्रेनों में से पहली ट्रेन से हमें 80 मीट्रिक टन आॅक्सीजन मिली। वहीं, दूसरी ट्रेन से 100 मीट्रिक टन आॅक्सीजन प्राप्त हुई है। आज जो ट्रेन आने वाली है, उससे 80 मीट्रिक टन आॅक्सीजन आएगी, जिसकी सभी जनपदों के अस्पतालों में सप्लाई जारी है। हम रिजर्वस भी बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से अब तक ई-संजीवनी के तहत 26 हजार 900 टेली कम्युनिकेशन किए गए, इनकी संख्या लगातार बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी प्रकार 104 हेल्पलाइन पर 1 लाख 10 हजार से अधिक काॅल्स अटेंड किये गये। कोविड-19 की वेबसाइट के भी 9 लाख विजिटर्स हैं। यहां सारी सूचनाएं उपलब्ध हैं।

ब्लैक फंगस के लिए किया जा रहा आवश्यक दवाओं का प्रबंध

सचिव डाॅ पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि मेेडिकल यूनिवर्सिटी के वाॅइस चांसलर की अध्यक्षता में गठित एक्सपर्ट कमेटी में कुछ और लोगों को जोड़ा गया है। इसके तहत पिथौरागढ़ मेडिकल काॅलेज के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट प्रो बरोनिया, सरकारी मेडिकल काॅलेजों के प्रतिनिधियों, एक अन्य पब्लिक हेल्थ एडवाइजरी कमेटी में शामिल दून मेडिकल काॅलेज के कम्युनिटी मेडिसिन के हेड के साथ ही स्टेट सर्विलांस आॅफिसर को भी इस कमेटी में जोड़ा गया है। अब ये सभी इस कमेटी में भी सलाह दे सकते हैं। हमारी एक्सपर्ट कमेटी ने संस्तुति दी है। हमारा फोकस प्रीवेंशन पर है। ब्लैक फंगस सामान्य रूप से पाया जाता है। हमें इससे बचने के लिये सावधानियां रखनी हैं।

म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस की चुनौती से निपटने के लिए भी राज्य सरकार तैयार है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो दूसरी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं और अनियंत्रित मधुमेह, स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से इम्युनिटी कमजोर होने या अधिक समय तक आईसीयू में रहने वाले मरीज फंगल इंफेक्शन के लिए संवेदनशील होते हैं। जागरूकता व रोग की जल्दी पहचान फंगल इन्फेक्शन को फैलने से रोक सकता है। ब्लैक फंगस के लिए आवश्यक दवाओं का प्रबंध किया जा रहा है।

उत्तराखंड में प्रयाप्त वैक्सीन, लगातार हो रहा वैक्सीनेशन

उन्होंने बताया कि हल्द्वानी व ऋषिकेश में बन रहे 500 बेड के अस्पतालों में 25 आॅक्सीजन सपोर्टेड व आईसीयू बेड बच्चों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। वैक्सीनेशन के संबंध में उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त वैक्सीन है। लगातार 18 वर्ष से अधिक और 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों को वैक्सीनेशन किया जा रहा है। वैक्सीन लगवाने के प्रति लोगों में काफी उत्साह भी देखा जा रहा है।

कोविड नियमों के उल्लंघन पर 4 करोड़ 71 लाख का शमन शुल्क वसूला

आईजी अमित सिन्हा ने बताया कि अब तक 178 टीमों ने 1839 स्थानों पर दबिश दी है, जिनमें 27 एफआईआर हुई है और 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 204 बरामदगी भी की गई है। उन्होंने बताया कि मास्क न पहनने पर एक लाख 19 हजार लोगों पर व कोविड के नियमों के उल्लंघन पर कुल 2 लाख 93 हजार लोगों पर कार्रवाई की गई है। इस दौरान 4 करोड़ 71 लाख का शमन शुल्क वसूला गया है।

ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से दी जा रही उपचार व परामर्श की सुविधा

मानसिक स्वास्थ्य औल पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के स्टेट नोडल अफसर डीआईजी डॉ नीलेश भरणे ने बताया कि कोविड के संक्रमण के कारण जनमानस में मानसिक तनाव व मानसिक रोग उत्पन्न होने की सम्भावनाओं के दृष्टिगत राजकीय चिकित्सालयों में कार्यरत मनोचिकित्सकों के द्वारा प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक ई- संजीवनी पोर्टल के माध्यम से उपचार एवं परामर्श की सुविधा प्रदान की जा रही है। साथ 104 हैल्पलाईन के माध्यम से प्रशिक्षित परामर्शदाताओं के द्वारा भी मानसिक स्वास्थ्य हेतु आमजनमानस को परामर्श प्रदान किया जा रहा है।

राज्य के परामर्शदाताओं के साथ बनाया गया है वाट्सएप ग्रुप

मानसिक स्वास्थ्य हेतु एम्स ऋषिकेश के वशिष्ठ मानोचिकित्सक, राज्य में कार्यरत मनोचिकित्सक, अन्य राज्य के विशेषज्ञ मनोचिकित्सकों एवं राज्य के परामर्शदाताओं के साथ एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। ग्रुप में विशेषज्ञो के द्वारा चिकित्सकों एवं परामर्शदाताओं को मानसिक स्वास्थ्य हेतु प्रशिक्षण प्रदान कर प्रश्नों का उत्तर प्रदान किया जा रहा है।
मानसिक स्वास्थ्य के सम्बन्ध में प्रत्येक शनिवार को आनलाईन के माध्यम से सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। जिसका लिंक सोशल मीडिया में माध्यम प्रसारित किया जा रहा है। वहीं, कोरोना संक्रमण के कारण होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों का दूरभाष पर परामर्शदाताओं द्वारा मानसिक स्वास्थ्य का आकलन कर आवश्यकतानुसार परामर्श प्रदान किया जायेगा।

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