दर्द-ए-दिल का चुनावी मंडाण…. चल मेरी आप बीती प्रेम पाती सीएम साहब के दून दरबार
दर्द-ए-दिल का चुनावी मंडाण
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सुनो सरकार!
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चल मेरी आप बीती प्रेम पाती
सीएम साहब के दून दरबार
पहाड़ की पीड़ा के भुक्तभोगी
शायद मेरी भी सुन लें सरकार।
वक्त कम है काम है ज्यादा
मंगलमस्तु! मुकुट बंधा माथ
चरण चलें चतुर्दिक दिन रैन
शीश पर सबके रहे नृप हाथ।
बिजली पानी सड़क स्कूल
और एक अदद अस्पताल
इतना ही तो हैं गांव चाहते
सुन लो मेरी माटी के लाल।
युवाओं को दे दो रोजगार
कर्मचारियों से लो काम
अधिकारी बनें जिम्मेदार
जनता करेगी तब सलाम।
21 बरस का राज्य हुआ है
22 भी है अब आने वाला
अवसर अगर चूक गए तो
कोई और होगा रखवाला।
पांचसाला त्योहार आया है
तर्जनी भी थोड़ा इतराएगी
कसौटी पर कसकर ही तो
ईवीएम मुस्कुराएगी
@ चुनावी मंडाण