चारधाम देवस्थानम बोर्ड: प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री के विरोध की चेतावनी से सरकार के उडे होश
– विरोध की घोषणा के बाद तीर्थ पुरोहितों को भांपने में जुटे सरकार के मंत्री। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को केदारनाथ जा रहे हैं। उनके साथ कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल भी जा सकते हैं।
उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर केदारनाथ धाम में आंदोलन कर रहे तीर्थ पुरोहितों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विरोध की चेतावनी दी है। प्रधानमंत्री के विरोध की घोषणा के बाद से उत्तराखंड सरकार के होश उद गए हैं। सरकारी तंत्र के हाथ-पांव फूल गए हैं। सरकार के मंत्री प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बहाने केदारनाथ पहुंचकर पंडे-पुरोहितों के तेवर भांप रहे हैं। मंगलवार को उत्तराखंड सरकार के शासकीय प्रवक्ता कैबिनट मंत्री सुबोध उनियाल केदारनाथ धाम गए थे। उन्होंने उन सभी पंडा-पुरोहितों से चर्चा की, जिन्होंने सोमवार
मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री डॉ धनसिंह रावत के विरोध किया था
तीर्थ-पुरोहितों से बातचीत कर लौटे सुबोध उनियाल ने बताया कि वह मुख्यमंत्री को वस्तु स्थिति से अवगत कराएंगे। सूत्रों का कहना है कि तीर्थ पुरोहितों व पंडा समाज के लोगों ने कैबिनेट मंत्री को भी दो टूक कह दिया है कि यदि देवस्थानम बोर्ड पर सरकार जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तो वह प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का विरोध करेंगे।
तीर्थपुरोहितों का कहना है कि वे सीएम से लेकर पीएम तक अपनी बात रखना चाहते हैं। बीते सितंबर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि 30 अक्तूबर तक देवस्थानम बोर्ड को लेकर ठोस निर्णय ले लिया जाएगा। इस दौरान कमेटी भी गठित की गई। लेकिन, चारधाम तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों से कोई वार्ता नहीं हो रही है। सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाई है। इस कारण वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हैं।
देवस्थानम बोर्ड भंग होने तक आंदोलन जारी रहेगा
केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला व महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती का कहना है कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर केदारनाथ से केदारघाटी व चारधाम में विरोध जारी रहेगा। जैसे भी परिस्थितियां बनेंगी, आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। तीर्थपुरोहित संतोष त्रिवेदी ने बताया कि पीएम मोदी तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। देवस्थानम बोर्ड भंग होने तक आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही भाजपा नेताओं का केदारनाथ व केदारघाटी में विरोध किया जाएगा। जरूरी हुआ तो वे उग्र कदम उठाने से भी पीछे नहीं रहेंगे।
पुख्ता तैयारियां करने के निर्देश
केदारनाथ में पांच नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा का कड़ा पहरा होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ में पीएम के कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू, अपर मुख्य सचिव गृह आनंद बर्द्धन समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की पुख्ता तैयारियां करने के निर्देश दिए।
त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोध, सुबोध उनियाल का स्वागत
केदारनाथ धाम में सोमवार को जिन तीर्थ पुरोहितों व पंडा समाज ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोध किया था। मंगलवार को उन्हीं लोगों ने शासकीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के पहुंचने पर स्वागत किया।
तीर्थ पुरोहित पंडा समाज ने बड़े सौहार्दपूर्ण वातावरण में उन्होंने वार्ता की। किसी भी समस्या का समाधान वार्ता में ही छिपा है। वार्ता कभी रुकनी नहीं चाहिए। लोकतांत्रिक परंपराओं का सरकार सम्मान करती है। उनसे वार्ता की और उनकी बातें सुनीं। कई बातों पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत गौर किया जाएगा। जो भी श्रेष्ठतम होगा, वह रास्ता निकाला जाएगा।
– सुबोध उनियाल, शासकीय प्रवक्ता, उत्तराखंड सरकारमुख्यमंत्री ने 31 अक्तूबर तक देवस्थानम बोर्ड विवाद का हल निकालने का वादा किया था। अब उन्हें स्पष्टीकरण देना चाहिए। मुख्यमंत्री खुद तो डर रहे हैं। लेकिन, दूसरों को आगे कर रहे हैं, ताकि पीएम के आने से पहले लोगों की नाराजगी को कम किया जा सके।
– गणेश गोदियाल, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस