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गढ़वाल विश्वविद्यालय के डॉ अजय सेमल्टी व डॉ मोना सेमल्टी को मिला ऑस्ट्रेलियन पेटेंट

-असिस्टेंट प्रोफेसर दंपत्ति डॉ अजय सेमल्टी व डॉ मोना सेमल्टी ने अपने इस पेटेंट को भारतीय न्याय व्यवस्था को समर्पित किया है, जिसके द्वारा प्रशासनिक अत्याचार से पीड़ित नागरिकों को उनके हक समय-समय पर सुनिश्चित किए जा रहे हैं। इससे पूर्व भी मोटापे और हाइपर लीपे डीमिया के लिए हर्बल फॉर्मूलेशन के आविष्कार के लिए उन्हे इंडियन पेटेंट भी वर्ष 2019 में मिल चुका है।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (Shabd Rath News)। गढ़वाल विश्वविद्यालय के खाते में एक और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि जुड़ी हैं। विश्वविदयालय के फार्मेसी विभाग में गत 18 वर्षों से सेवा दे रहे असिस्टेंट प्रोफेसर दंपत्ति डॉ अजय सेमल्टी व डॉ मोना सेमल्टी को अपने शोध के लिए ऑस्ट्रेलियन पेटेंट प्राप्त हुआ है। उन्हे पुरुषों के एलोपेसिया/ गंजेपन के लिए हर्बल हेयर ऑयल तैयार करने के लिए यह पेटेंट मिला है। उन्होंने अपने इस पेटेंट को भारतीय न्याय व्यवस्था को समर्पित किया है, जिसके द्वारा प्रशासनिक अत्याचार से पीड़ित नागरिकों को उनके हक समय-समय पर सुनिश्चित किए जा रहे हैं। इससे पूर्व भी मोटापे और हाइपर लीपे डीमिया के लिए हर्बल फॉर्मूलेशन के आविष्कार के लिए उन्हे इंडियन पेटेंट भी वर्ष 2019 में मिल चुका है।

विदित हो कि हाल ही में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एक शोध समूह द्वारा जारी विश्व के टॉप २% वैज्ञानिकों के वर्ष २०२१ सूची में डॉ अजय सेमल्टी को वर्ष 2020 के बाद पुनः शामिल किया है। विश्वविधालय के लिए यह अति महत्वपूर्ण उपलब्धि है। डॉ सेमल्टी ने बताया कि अतिविपरीत परिस्थितियों व संसाधनों की कमी के बावजूद यह उपलब्धि प्राप्त होना अत्यंत सुखद अनुभव है। धन की अनुपलब्धता और प्रशासनिक असहयोग विश्विद्यालय/अकैडमिक शोध कार्य के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। साथ ही यह रेखांकित किया की सबसे ज्यादा उपलब्धि देने वाला फार्मेसी विभाग विश्वविद्यालय में सबसे अधिक उपेक्षित/तिरस्कृत है। गत सम्पूर्ण वर्ष प्रशासनिक संवेदनहीनता की पराकाष्ठा रहा है तथापि सभी अपने अकैडमिक और शोध कार्य में अनवरत लगे रहे। उन्होंने आशा व्यक्ति की कि यह उपलब्धि उनको शोध कार्यों को नए आयाम देने के लिए प्रेरित करेगी।

11 पुस्तकें और 2 पुस्तक अध्याय प्रकाशित

डॉ सेमल्टी दंपत्ति ने ही विश्वविद्यालय के खाते में पहले भारतीय पेटेंट को वर्ष 2019 में जोड़ा है। वे मुख्य रूप से हर्बल ड्रग डिलीवरी, दवाओं की जैव उपलब्धता बढ़ाने, माइक्रो, नैनोपर्टिकल फॉर्मूलेशन और उनके संरचनात्मक अध्ययन पर कार्य कर रहे हैं। हाल ही में वे भाभा परमाणु शोध संस्थान में ध्रुवा न्यूक्लियर रिएक्टर में परमाणु वैज्ञानिकों के साथ दवाओं के ननोपर्टिकल पर अध्ययनरत रहे हैं। डॉ सेमल्टी ने अब तक 1 अंतर्राष्ट्रीय और 9 शोध परियोजनाओं को पूर्णं किया है। वर्तमान में दो शोध परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। उनके द्वारा 84 शोध पत्र विभिन्न उच्च कोटि के राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय शोध पत्रों में प्रकाशित किए गए है। उनके द्वारा 11 पुस्तकें और 2 पुस्तक अध्याय प्रकाशित हो चुके हैं। उनका h इंडेक्स 26 व साइटेसंस 2000 से अधिक है जो उनके वैज्ञानिक शोध पत्रों के अन्य शोधार्थियों द्वारा व्यापक रूप से संदर्भित किए जाने का प्रमाण है।

एक्सपर्ट के रूप में भी दे रहे हैं सेवाएं 

डॉ सेमल्टी इस्राएल साइंस फाउंडेशन आइसलैंड रिसर्च फाउडेशन एवम् इटली सरकार के विज्ञान तकनीकी मंत्रालय के लिए अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं की चयन समिति में एक्सपर्ट के रूप में भी सेवाएं दे रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर यूजीसी द्वारा भी 2016-18 में प्रतिष्ठित शोध पुरस्कार पाने वाले वो विश्वविद्यालय के एकमात्र शिक्षक हैं। वर्ष 2011-12 में जापान के मेजो विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय पोस्ट डॉक्टोरल शोध परियोजना हेतु चुना गया और जापान आमन्त्रित किया गया था। इसके साथ डॉ सेमल्टी ने प्रदेश सरकार की रूसा के आमंत्रण पर समय समय पर उच्च शिक्षा के गुणवत्ता उन्नयन हेतु अपने सुझावों को साझा किया। रूसा के माध्यम से उनका हर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ई लर्निंग क्लास रूम का मॉडल उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखंड सरकार श्री धन सिंह रावत जी के भागीरथ प्रयास से धरातल भी उतर चुका है।

डॉ सेमल्टी ने किया 24 ऑनलाइन कोर्सेज का निर्माण

शोध के साथ साथ डॉ सेमल्टी ने 24 ऑनलाइन कोर्सेज का निर्माण किया, जिनमे भारत सरकार के स्वयम पोर्टल के लिए बनाए गए दो ऑनलाइन कोर्सेस अकेडमिक राइटिंग और इंडस्ट्रियल फार्मेसी विश्वविद्यालय के पहले ऑनलाइन कोर्सेस हैं। एकेडमिक राइटिंग कोर्स ने राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान बनाई है। इस वर्ष कि ऑनलाइन कोर्सेज की विश्व रैंकिंग में भी दोनों कोर्सेज ने अपना स्थान बनाया है। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार व प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो द्वारा उक्त कोर्स की राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति की पुष्टि की गई है। इनके दोनों कोर्सेज में 150 से भी अधिक देशों के 59000 से भी अधिक शिक्षार्थी उक्त कोर्सेस में पंजीकृत हुए है जो कि बड़ी उपलब्धि है।

100 से भी अधिक वीडियो व्याख्यानों को रेकॉर्ड

लॉकडाउन समय में डॉ सेमल्टी दंपत्ति ने आईआईटी मद्रास के स्वयंप्रभा चैनल हेतु 57 घंटे से अधिक के 100 से भी अधिक वीडियो व्याख्यानों को रेकॉर्ड किया। वे भारत सरकार के स्वयंप्रभा चैनल 15 में प्रसारित होने के बाद यूट्यूब पर भी उपलब्ध किए जा रहे हैं। इस विकट समय में पठन-पाठन की समस्याओं को ऑनलाइन कॉन्टेंट के माध्यम से दूर करने के लिए उन्होंने विश्वविद्यलय के स्वयं प्रकोष्ठ के कोऑर्डिनेटर के रूप मे स्वयं ऑनलाइन कोर्सेस (मूक्स) व भारत सरकार के अन्य डिजिटल शैक्षणिक रिसोर्सेज को शिक्षकों व छात्रों को उपलब्ध कराने और उपयोग हेतु प्रोत्साहित किया। कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने डॉ सेमल्टी दंपत्ति की उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए उन्हे बधाई दी है।

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