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डॉ अलका अरोड़ा की रचना… नैना बावरे ढूंढे मीत पुराना

डॉ अलका अरोड़ा
प्रोफेसर, देहरादून
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नैना बावरे ढूंढे मीत पुराना
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नैना बावरे
ढूंढे मीत पुराना
पल-पल ढूंढे बीता सावन
ढूंढे बीती रतिया
नैना बावरे
ढूंढे मीत पुराना।

जिन बगिया में फूल खिले थे
जिनमें बीते सावन
जिस घर में था संग तुम्हारा
ढूंढे वोही आँगना
नैना बावरे
ढूंढे मीत पुराना।

आज चली जब मस्त हवाएं
सोए अरमाँ जागे
चुनर मेरी सर से सरकी
उलझी लट सुलझाना
नैना बावरे
ढूंढे मीत पुराना।

उन गलियन की बात अनोखी
जिस राह आना-जाना
बेपरवाह सी अपनी मोहब्बत
ताके सारा जमाना
नैना बावरे
ढूंढे मीत पुराना।।

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