गढ़वाल विश्वविद्यालय के स्वयं प्रकोष्ठ की ऑनलाइन कार्यशाला में एक हजार प्रतिभागी
-वृहद राष्ट्रीय ऑनलाइन कार्यशाला सोमवार 9 नवंबर से शुरू हुई। कार्यशाला का शुभारंभ गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने किया, 12 नवंबर तक चलेगी कार्यशाला
देहरादून (Dehradun)। एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय (hnb garhwal University) के स्वयं प्रकोष्ठ की ओर से यूजीसी डिपार्टमेंट ऑफ अटॉमिक इनर्जी कंसोर्शियम ऑफ साइंटिफिक रिसर्च सेंटर के तत्वावधान में राष्ट्रीय ऑनलाइन कार्यशाला (national online seminar) सोमवार से शुरू हुई। कार्यशाला का शुभारंभ कुलपति (vice chancellor) प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल (pro Annapurna Nautiyal) ने किया।कार्यशाला में देशभर से रिकॉर्ड 1000 से भी अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है।
कुलपति प्रो नौटियाल ने स्टेम क्षेत्र में यूजीसी सीएसआर (ugc car) के कार्यों व विश्वविदयालयों के शोध में महत्वपूर्ण सहयोग के लिए सीएसआर का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यो में विज्ञान के शोध कार्यों के लिए सीएसआर से विशेष सहयोग का आग्रह किया है। विश्वविद्यालय विज्ञान के शोध कार्य के लिए विभिन्न संस्थानों से सहभागिता कर रहा है।
9 से 12 नवंबर तक चलेगी कार्यशाला
कार्यशाला 9 से 12 नवंबर तक आयोजित की जाएगी, जिसमें यूजीसी डिपार्टमेंट ऑफ अटॉमिक इनर्जी कंसोर्शियम ऑफ साइंटिफिक रिसर्च सेन्टर के मुंबई, इंदौर, कोलकाता, कलपक्कम केंद्रों के वैज्ञानिकों के साथ ही राजा रमन्ना सेंटर ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी, इंदौर व भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक विचार रखेंगे। यूजीसी डिपार्टमेंट ऑफ अटॉमिक इनर्जी कंसोर्शियम ऑफ साइंटिफिक रिसर्च सेंटर के निदेशक डा वासुदेव सिरुगुरी के निर्देशन में उनकी टीम इस तरह की जागरुकता कार्यशाला समय पर देश के विभिन्न विश्ववि्यालयों में करते रहते हैं। डॉ सिरूगुरी ने बताया कि कार्यशाला के माध्यम से संस्थान में उपलब्ध आधुनिक उपकरणों व तकनीकी ने वैज्ञानिकों, छात्रों, शिक्षकों एवं शोध छात्रों को अवगत कराया जाता है। संस्थान गत कई दशकों से अकेडमिक शोध को बढ़ावा देने के लिए उच्च कोटि की शोध सुविधाएं विश्विद्यालयों के शोधार्थियों को प्रदान कर रहा है।
मील का पत्थर साबित होगी कार्यशाला
आयोजन सचिव डॉ अजय सेमल्टी (Dr Ajay semalty) ने बताया कि कार्यशाला में भौतिक रसायन, फॉर्मेसी, इंजीनियरिंग, लाइफ साइंसेज आदि विषय के छात्र, शिक्षकों व वैज्ञानिकों ने प्रतिभाग कर रहे हैं। मुंबई केंद्र के डॉ सुधींद्र संस्थान की ओर से संयोजक कि भूमिका निभा रहे हैं। 1018 प्रतिभागियों में से विश्वविद्यालय सहित उत्तराखंड से 300 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया है। डॉ सेमल्टी ने बताया कि कार्यशाला उच्च शिक्षा में शोध को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। राष्ट्रीय स्तर के विद्वान वैज्ञानिकों को सुनने व विचार विमर्श करने का अवसर कार्यशाला प्रदान करेगी।
न्यूट्रॉन प्रोब्स के बारे में दी जानकारी
कार्यशाला के पहले दिन डॉ सिरुगुरी ने कंडेंस्ड मैटर के लिए न्यूट्रॉन प्रोब्स के बारे में जानकारी दी। सीएसआर ध्रुव रिएक्टर के माध्यम से न्यूट्रॉन आधारित प्रयोगों कि सुविधा शोधार्थियों एवं अकेडमिक वैज्ञानिकों को प्रदान करता है। दूसरे तकनीकी सत्र में डॉ सुधींद्र रायप्रोल ने केमिकल और मैगनेटिक सर्नचनों के लिए न्यूट्रॉन डिफरेक्शन के बारे में तकनीकी जानकारी प्रतिभागियों से साझा की। सीएसआर में उपलब्ध न्यूट्रॉन डिफरेक्शन प्रयोग सुविधा और सीएसआर में किए जा रहे प्रयोगों कि जानकारी दी गई।