तो हरक सिंह रावत केदारनाथ सीट से लड़ेंगे चुनाव? विरोध शुरू
शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत इस बार विधानसभा चुनाव में केदारनाथ सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। केदारनाथ से उन्हें टिकट मिलना तय माना जा रहा है। दूसरी तरफ, पूर्व विधायक शैला रानी रावत व आशा नौटियाल हरक की उम्मीदवारी के विरोध में उतर गई हैं।
हरक सिंह को केदारनाथ से चुनाव में की भनक लगते ही केदारनाथ की पूर्व विधायक आशा नौटियाल व शैला रानी रावत भी शनिवार को अपनी दावेदारी के लिए भाजपा मुख्यालय पहुंच गईं। उन्होंने बाहरी व्यक्ति को टिकट देने का विरोध किया।
सूत्रों ने अनुसार कोटद्वार सीट पर भाजपा पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता शैलेंद्र रावत को मैदान में उतार सकती है। शैलेंद्र रावत की पार्टी में वापसी हो सकती है अन्यथा भाजपा पैनल में से किसी को टिकट देगी।
बहू को टिकट का आश्वासन न मिलने पर नाराज हुए हरक
लैंसडौन सीट से अपनी पुत्रवधू के लिए टिकट का आश्वासन न मिलने से कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत फिर नाराज हो गए हैं। शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक में हरक के शामिल न होने की मुख्य वजह यही मानी जा रही है। भाजपा प्रदेश कार्यालय में शनिवार को कोर ग्रुप की बैठक बुलाई गई थी। इसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ ही हरक सिंह रावत भी सदस्य हैं। लेकिन, हरक बैठक में नहीं आए।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि हरक सिंह रावत ने शनिवार को कोर ग्रुप की बैठक से पूर्व लैंसडौन और केदारनाथ सीट से टिकट को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं से चर्चा की। लेकिन, लैंसडौन सीट को लेकर उन्हें सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला। इससे हरक नाराज बताए जा रहे है। उसके बाद हरक बैठक में आने की बजाय दिल्ली रवाना हो गए। हालांकि, हरक का कहना है कि उन्हें कोर ग्रुप बैठक की जानकारी बहुत देर से मिली।
डॉ हरक सिंह रावत दिल्ली में थे, जिस कारण वह पार्टी कोर ग्रुप की बैठक में शामिल नहीं हो पाए। पार्टी में उनकी नाराजगी जैसी बात नहीं है।
मदन कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
पांच साल से कार्यकर्ता इस उम्मीद में हैं कि केदारघाटी से उम्मीदवारी कर रहे स्थानीय दावेदारों को टिकट दिया जाए। बाहरी प्रत्याशी को थोपने का फैसला हुआ तो, विरोध किया जाएगा।
आशा नौटियाल, पूर्व विधायक केदारनाथ
केदारनाथ सीट पर संभावित उम्मीदवारों में ही किसी को टिकट दिया जाना चाहिए। बाहर से थोपे गए प्रत्याशी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसका विरोध होगा।
शैलारानी रावत, पूर्व विधायक केदारनाथ