निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के साथ हरिद्वार महाकुंभ 2021 शुरू, मुख्यमंत्री हुए शामिल
–पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े की पेशवाई एसएमजेएन पीजी कॉलेज से शुरू हुई। पेशवाई में बड़ी संख्या में नागा साधु शामिल हुए। उनकी अगुवाई में ही पेशवाई शुरू की गई। पेशवाई में एक हाथी, पांच ऊंट, 40 घोड़े और 50 रथ शामिल हुए। साथ ही हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई
शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो)। हरिद्वार महाकुंभ 2021 का विधिवत शुभारंभ आज बुधवार 3 मार्च से हो गया है। महाकुंभ के शुभारम्भ पर पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े की पेशवाई भव्य रूप से निकाली गई। निरंजनी अखाड़े की पेशवाई में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना कर साधु-संतों का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भव्य कुंभ के लिए सरकार ने पूरी तैयारियां की हैं।
पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े की पेशवाई एसएमजेएन पीजी कॉलेज से शुरू हुई। बड़ी संख्या में नागा साधु पेशवाई में शामिल हुए। उनकी अगुवाई में ही पेशवाई शुरू की गई। हरिद्वार में आज पेशवाई निकलने से कुभ भव्य रूप में नजर आने लगा है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशा नंद गिरि पेशवाई के लिए रथ पर सवार हुए सभी मौजूद लोगों में उत्साह की लहर दौड़ गई। पेशवाई के लिए रथ को बहुत ही सुंदर फूलों से सजाया गया था। पेशवाई में एक हाथी, पांच ऊंट, 40 घोड़े और 50 रथ शामिल हैं। वहीं हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गई। इस दौरान सुरक्षा के लिए दो हजार पुलिस कर्मी तैनात रहे।
अगले तीन दिन विभिन्न अखाड़ों की पेशवाई निकलेगी
श्री निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के बाद अब अगले 3 दिन तक 5 सन्यासी अखाड़ों की पेशवाई निकलेगी। इस बार पेशवाई का विस्तार किया गया है। ऐसे में चंद्राचार्य चौक तक पेशवाई दस्तक देगी। ये सभी पेशवाई व अन्य कार्य दिसंबर में होने थे। लेकिन, कोविड के कारण ये संभव नहीं हुआ। अब इन परंपराओं का निर्वहन किया जा रहा है।
पेशवाई में राजा महाराजाओं की तरह निकलते हैं साधु सन्त
पेशवाई में साधु-संत राजा महाराजाओं की तरह घोड़े हाथियों में सवार होकर अखाड़े से प्रस्थान करते हैं। रास्ते भर श्रद्धालु साधु-संतों पर फूलों की वर्षा से स्वागत करते हैं। पेशवाई की यह यात्रा पूरे हरिद्वार शहर में घूमती है। पेशवाई के पावन अवसर पर पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र गिरी, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरि आदि के साथ ही संख्या में साधु-संत मौजूद रहे।