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इंदिरा हृदयेश का एनडी तिवारी सरकार में रहा खूब बोलबाला, कहा जाता था सुपर सीएम

-कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) आने के बाद आज उन्होंने दिल्ली के अस्पताल में सुबह 11:35 पर अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित अन्य नेताओं ने दुख व्यक्त किया है।

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। उत्तराखंड विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) और हल्द्वानी से विधायक (MLA) इंदिरा हृदयेश (Indira Hridayesh) की आज हार्ट अटैक में मौत हो गई। कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) आने के बाद आज उन्होंने दिल्ली के अस्पताल में सुबह 11:35 पर अंतिम सांस ली। उनकी मृत्यु पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित अन्य नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस में शोक की लहर है।

उत्तर प्रदेश में विधान परिषद सदस्य के रूप में राजनीतिक सफर की शुरूआत करने वाली इंदिरा हृदयेश का उत्तराखंड की राजनीति में भी खूब बोलबाला रहा। नारायण दत्त तिवारी सरकार में हृदयेश का बड़ा रुतबा था। उस वक्त उन्हें सुपर मुख्यमंत्री तक कहा जाता था।

इंदिरा हृदयेश का जन्म 7 अप्रैल 1941 में उत्तर-प्रदेश के अयोध्या में हुआ था। उन्होंने 1959 में आगरा विश्वविद्यालय से राजनैतिक विज्ञान (Political Science) में एमए (MA) किया और 1974 में कानपुर विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट (PhD) की।

1974 में पहली बार वह उत्तरप्रदेश की विधान परिषद में बतौर सदस्य चुनी गई। उत्तराखंड राज्य के बनने के बाद भाजपा की अंतरिम सरकार के समय भी वह नेता प्रतिपक्ष थी। 2002 में जब कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी तो उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 2012 में जब फिर कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हें दोबारा से कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया। लेकिन, उनके समर्थक उनको मुख्यमंत्री न बनाए जाने पर बहुत नाराज हुए।

इंदिरा हृदयेश का राजनीतिक सफर

1974-1980- उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गई (पहला कार्यकाल)

1986-1992– उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गई (दूसरा कार्यकाल)

1992-1998– उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गई (तीसरा कार्यकाल)

1998-2000- उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गई (चौथा कार्यकाल)

2000-2002- सदस्य अंतरिम उत्तराखंड विधान सभा विपक्ष के नेता उत्तराखंड विधानसभा

2002-2007- उत्तराखंड विधान सभा के लिए चुनी गई (पहला कार्यकाल) लोक निर्माण, संसदीय मामलों के कैबिनेट मंत्री, राज्य संपत्ति, सूचना, विज्ञान और प्रौद्योगिकी

2012-2017- उत्तराखंड विधान सभा के लिए निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल) वित्त, वाणिज्यिक कर, टिकट और पंजीकरण के लिए कैबिनेट मंत्री, मनोरंजन कर, संसदीय कार्य, विधायी कार्य, चुनाव, जनगणना, भाषा, प्रोटोकॉल

2017- अब तक उत्तराखंड विधान सभा के लिए निर्वाचित (तीसरा कार्यकाल) विपक्ष के नेता उत्तराखंड विधानसभा

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