योग भारतीय जीवन दर्शन: सीमा जौनसारी

शब्द रथ न्यूज, ब्यूरो (shabd rath news)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर डाइट देहरादून की ओर से ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जनपद देहरादून के विद्यालयी शिक्षा से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी, शिक्षक, अभिभावक व विद्यार्थियों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में उत्साह के साथ प्रतिभाग किया।कोरोना काल में निर्देशों के अनुरूप कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया।
डाइट देहरादून की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक सीमा जौनसारी ने किया। उन्होंने योग को स्वयं अपनाने व विद्यालयों में इसे प्रातकालीन गतिविधियों का अनिवार्य अंग बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि योग भारतीय जीवन दर्शन है, जीवन जीने की पद्वति है। समान उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विद्यालयों में चलाए जा रहे कार्यक्रम आनंदम की निरंतरता पर भी उन्होंने जोर दिया गया।
निदेशक का स्वागत करते हुए डाइट प्राचार्य राकेश जुगरान ने कहा कि योग शारीरिक स्वस्थता के साथ ही मानसिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से भी हमें स्वस्थ बनाता है। उनके द्वारा योग के विशद अर्थ की व्याख्या करते हुए बताया गया कि आदर्श नागरिक के रूप में अपने एवं समाज के कल्याण लिए प्रेरित व्यक्ति ही योगी है।
उसके डाइट की वरिष्ठ प्रवक्ता पुष्पा गुसाईं द्वारा योग प्रोटोकॉल के अंतर्गत पौन घंटे तक विभिन्न आसान, प्राणायाम का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुरेश चंद्र पोखरियाल ने किया। तकनीकी सहयोग अरुण थपलियाल, राजमोहम रावत का रहा।ज़ूम एप व यू ट्यूब के माध्यम से हजारों बच्चों,शिक्षकों, अभिभावक आज योग कार्यक्रम से जुड़े।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान देहरादून द्वारा विश्व योग दिवस 21 जून के लिए सप्ताह भर विकासखंड वार योग कार्यक्रम चलाया गया। डायट प्राचार्य राकेश चंद्र जुगरान के निर्देशन व वरिष्ठ प्रवक्ता पुष्पा गुसाईं के संयोजक व योग प्रशिक्षक के रूप में ऑनलाइन योग सप्ताह का आयोजन किया गया। सप्ताहभर प्रत्येक दिन अलग-अलग विकासखंड इस कार्यक्रम से जुड़े। 15 जून को चकराता, 16 जून को कालसी, 17 जून को विकासनगर 18 जून को सहसपुर, 19 जून को डोईवाला व 20 जून को रायपुर से जुड़े शिक्षकों, बच्चों, अभिभावकों योग से जुड़े। आज 21 जून को प्रातः 7 बजे योग दिवस पर जनपद देहरादून के समस्त विकासखंड जुडें।इससे पूर्व 12 जून को अभिमुखीकरण कार्यशाला भी आयोजित की गई थी।जिसमें उत्तरांचल आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज देहरादून के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अक्षय कुमार गौड़ ने वर्तमान परिस्थितियों में योग की भूमिका पर प्रकाश डाला था। एससीईआरटी उत्तराखंड से डॉ साधना डिमरी द्वारा अष्टांग योग के बारे में बताया गया था। पतंजलि विश्व विद्यालय हरिद्वार से डॉ0 कपिल शास्त्री द्वारा योग का संक्षिप्त इतिहास बताया गया था।
इसी कड़ी में आज योग कार्यक्रम संयोजक श्रीमती पुष्पा गुसाई द्वारा विभिन्न अभ्यास शिथलीकरण, ग्रीवा संचालन, स्कंद, कटि संचालन, घुटना चालन, खड़े होकर किये जाने वाले योगासन में ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचंद्राकासन्, त्रिकोणासन, बैठकर किये जाने वाले आसनों में भद्रासन, बज्रासन, अर्धउद्पासनउष्ट्रासन, शशकासन, उदपानमंडूकासन, लेटकर किये जाने वाले आसनो में मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, पीठ के बल किये जाने वाले आसनों में सेतु बंधा सन, अर्ध हलासन पवनमुक्तासन, व प्राणायाम में कपालभाती अनुलोम विलोम, भ्रामरी कराए गए।
योग सप्ताह कार्यक्रम अवसर पर डायट प्राचार्य राकेश चंद्र जुगरान ने कहा कि योग जीवन में निरंतरता लाती है। पंच तत्वों से हमारा शरीर बना है जो प्रकृति से जुड़ा हुआ है प्रकृति के संतुलन को स्थिर बनाये रखने की ओर कार्य करना होगा। पंच तत्वों से बने इस शरीर को निरोग रखने के लिए योग आवश्यक है। ऋतु में परिवर्तन का दौर है आजकल हरियाली चारों तरफ प्रकृति का श्रृंगार कर रही उसी प्रकार योग भी जीवन मे खुशहाली व उत्साह लाएगी। हमें अपनेआप को अब स्वस्थ्य रखने को प्रथम वरीयता देनी होगी।योग से शरीर स्वस्थ्य रहेगा तो जीवन के आनंद को प्राप्त किया जा सकता है। आज पूरा विश्व योग की महत्ता को समझने लगा है। योग पहलुओं को जोड़ता है। कोरोना काल में स्कूली बच्चों को शिक्षण प्रक्रिया में जोड़े रखना व मनोबल को बनाये रखना एक बड़ी चुनोती है, विश्व बहुत बड़े संकट से जूझ रहा है ,संकट की इस घड़ी में एक दूसरे का साथ व मनोबल बनाये रखना होगा। योग से हम शारीरिक व मानसिक रूप से प्रबल हो सकते हैं। प्राचार्य ने योग सप्ताह कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा इन अभ्यासों को योग सप्ताह में सीख कर सतत रूप से किया जाय तो हमारे जीवन मे नई ऊर्जा का संचार होगा। 15 जून से 21 जून तक योग सप्ताह कार्यक्रम आयोजित किया गया। योग दिवस पर आज अरुण थपलियाल, अनिल डोभाल, सुनीता बडोनी, प्रियंका तोमर, हितेश गुप्ता, डॉ सुरेश चंद्र पोखरियाल, डॉ विजय रावत, राजमोहन रावत आदि सम्मिलित हुए।