महंत देवेन्द्र दास ने कहा, कोविड काल में नेचुरो पैथी रही महत्वपूर्ण
-एसजीआरआर यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर आयोजित किया गया वेबीनार
-वेबीनार की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत श्री देवेंद्र दास जी महाराज ने की
देहरादून (dehradun)। कोरोना महामारी के चलते प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के महत्व को देखते हुए श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (Sgrr university) में प्राकृतिक चिकित्सा दिवस दिवस के उपलक्ष पर वेबिनार आयोजित किया गया। वेबिनार (vebinar) का आयोजन अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन और सूर्या फाउंडेशन के तत्वावधान में विश्वविद्यालय के योगिक साइंस विभाग ने किया। प्रकृति की ओर लौटो यानी ‘रिटर्न टू नेचर’ की थीम पर आधारित वे बिनार की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत श्री देवेंद्र दास जी महाराज ने की।
छात्र-छात्राओं और विषय विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए महाराज ने कहा कि नेचुरो पैथी कोविड काल में बहुत ही महत्वपूर्ण रही है। इससे आज हमारे लाइफ स्टाइल, मेडिकल ट्रीटमेंट और विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा योग और आयुर्वेद को समन्वित रूप से एक साथ चलाना आवश्यक है, तभी देशवासियों को अच्छा स्वास्थ्य प्रदान किया जा सकता है और कोरोना जैसी महामारी से आसानी से निपटा जा सकता है।
रावत ने बताया प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का महत्व
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ यूएस रावत ने प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नेचर केयर से सभी वाकिफ हैं। लेकिन, मदर केयर के साथ और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर ही हम अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं। पंचतत्व के ज्ञान द्वारा मदर केयर के साथ एकाकार होकर उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति संभव है।
वर्तमान में दूषित हो चुका है आहार
यू एस रावत ने कहा कि वर्तमान आहार पद्धति पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि वर्तमान में हमारा भोजन दूषित हो चुका है। इस भ्रष्ट आहार के कारण बहुत ही छोटी अवस्था में अधिकांश छात्र-छात्राएं डिप्रेशन के शिकार होते जा रहे हैं। विटामिन और प्रोटीन की कमी को हम आहार के संतुलन से बेहतरीन कर सकते हैं।
विशेषज्ञों ने रखे विचार
कार्यक्रम के विशेषज्ञ भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से संबंधित डॉ नवदीप जोशी ने आहार चिकित्सा पर विचार रखे। वे बिनार के दूसरे विशेषज्ञ एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनोद नौटियाल ने प्रतिभागियों को प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों की जानकारी दी। वहीं, एनआईओएस के नेचुरोपैथी विभाग से जुड़े वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ पवन कुमार ने प्राचीन चिकित्सा की अहम पद्धति मृदा चिकित्सा के महत्व और अखिल भारतीय चिकित्सा परिषद से जुड़े डॉ एमपी सिंह ने स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याओं को प्राकृतिक चिकित्सा के समाधान के तरीकों पर प्रकाश डाला।
डॉ अनिल थपलियाल ने व्यक्त किया आभार
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के योग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अनिल थपलियाल ने प्रतिभागियों, विषय विशेषज्ञों और कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संकाय सदस्यों का आभार व्यक्त किया। वेबिनार में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ दीपक साहनी, विश्वविद्यालय की समन्वयक डॉ मालविका कांडपाल, मानविकी और समाज विज्ञान विभाग की डीन डॉ गीता रावत, योगिक साइंस की विभागाध्यक्ष प्रो सरस्वती काला, डॉ कंचन जोशी, डॉ सुरेंद्र रयाल, डॉ सुनील कुमार, डॉ बिजेंद्र गुसाईं, डॉ सविता पाटिल ने प्रतिभाग किया।