नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने बनाया कोर ग्रुप
-नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने शुरू किया मंथन, बुधवार को अधिकारियों ने विभिन्न बिंदुओं पर की चर्चा
देहरादून (dehradun)। नई शिक्षा नीति (new education policy) 2020 को राज्य में लागू करने पर योजना तैयार करने के लिए शिक्षा विभाग (education department Uttarakhand) ने मंथन करना शुरू कर दिया है। इसके लिए राज्य स्तर पर कोर ग्रुप का गठन किया गया है। साथ ही स्कूली शिक्षा के लिए दस उप समूह बनाए गए है। प्रत्येक सब ग्रुप ने व्यापक कार्ययोजना व रणनीति तैयार की है। बुधवार से लगातार पांच दिनों तक ये ग्रुप सीमैट के सभागार में प्रस्तुतीकरण देंगे। प्रस्तुतिकरण के आधार पर निदेशालय की ओर से विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर शासन को दी जाएगी।
बुधवार को प्रस्तुतीकरण के पहले दिन आंगनबाड़ी केंद्रों को विद्यालयों में संचालन के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा को 3 से 8 वर्ष तक के बच्चों के लिए बालबाड़ी केंद्र और कक्षा 1, 2 को संचालित करने पर चर्चा की गई। प्रस्तावित किया गया कि प्राथमिकता पर यह ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू किया जाय जो केंद्र विद्यालयों में संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों की कार्यकत्रियों के प्रशिक्षण के लिये भी व्यवस्था की जाय। इसके बाद फेज मेनर में आगे बढ़ाया जाय। इसके लिए CDS, स्वास्थ्य विभाग, जनजाति विकास विभाग को मिलाकर कोर ग्रुप बनाने का प्रस्ताव दिया गया। दूसरे ग्रुप में बुनियादी साक्षरता व गणित विषय पर चर्चा हुई। क पोल से आगामी 4 दिनों तक अलग-अलग 10 विभिन्न विधियों पर प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा। इस अवसर पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा राकेश कुंवर, निदेशक अकादमिक व शोध प्रशिक्षण सीमा जौनसारी, अपर निदेशक वंदना ह्यांकी, वीरेंद्र रावत, अजय नौडियाल, निदेशक संस्कृत शिव प्रसाद खाली, संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी, पीके बिष्ट, कुलदीप गैरोला, उप निदेशक प्रदीप रावत, आरपी डंडरियाल, हेमलता भट्ट, गजेंद्र सौंन, विभागाध्यक्ष सीमैट दिनेश गौड़, प्रधानाचार्य कालसी दीना राणा, सीमैट से डॉ मोहन बिष्ट, विनोद ध्यानी, डॉ जगमोहन बिष्ट, डॉ केएन विजल्वान,
भगवती मंडोली, मोनिका बम, प्राचार्य डाइट राकेश जुगरान आदि मौजूद रहे।
शिक्षकों को दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण
2025 तक कक्षा 5 तक अनिवार्य रूप से सभी बच्चों को भाषायी व गणितीय दक्षताओं को प्राप्त किया जाना है। इसके लिए प्रस्तावित किया गया है कि राज्य में संचालित मूलभूत भाषायी दक्षता एवं गणितीय संक्रिया कार्यक्रम को आगामी वर्ष में 9000 विद्यालयों व 2022 में सभी प्राथमिक विद्यालयों में संचालित किया जाय। इसके लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रत्येक छात्र का बेसलाइन परीक्षण व मिड, एन्ड टर्म परीक्षण भी किया जाएगा।निदेशक अकादमिक शोध प्रशिक्षण सीमा जौनसारी ने बताया कि शिक्षा नीति क्रियान्वयन के लिए दिये गए सुझावों के आधार पर कार्ययोजना तैयार की जाएगी।