एनएसयूआई ने समाज कल्याण विभाग ऑफिस को घेरा, जानिए क्यों
-एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन से समाज कल्याण विभाग तक किया मार्च। एससी-एसटी छात्र- छात्राओं को छात्रवृत्ति न मिलने पर जताई नाराजगी और जल्द से जल्द छात्रवृत्ति देने की मांग की
देहरादून (dehradun)। एससी-एसटी व गरीब छात्र-छात्राओं को शिक्षा सत्र 2019-20 की छात्रवृति (scholarship) न मिलने के विरोध में एनएसयूआई (Nsui) कार्यकर्ताओं ने सोमवार को समाज कल्याण अधिकारी का घेराव (protest) किया। कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा और जल्द से जल्द वर्तमान शिक्षा सत्र की छात्रवृत्ति देने की मांग की।
एनएसयूआई से जुड़े छात्र-छात्रा कांग्रेस भवन राजपुर रोड (Congress Bhawan Rajput road) देहरादून में एकत्र हुए। कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए सर्वे चौक स्थित समाज कल्याण विभाग पहुंचे। एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारी सतवीर चौधरी व प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी के नेतृत्व में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने समाज कल्याण विभाग प्रदर्शन किया और धरना दिया। नारेबाजी के बीच एनएसयूआई की ओर से मांगों से संबंधित ज्ञापन समाज कल्याण अधिकारी को दिया गया। धरना प्रदर्शन में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह चौहान, जिला अध्यक्ष सौरभ ममगाईं, महानगर अध्यक्ष अभिषेक डोबरियाल, समीर अंसारी, आकाश गौड़, आदित्य बिष्ट, अनुराग मित्तल, हिमांशु रावत, उदित थपलियाल, वाशु शर्मा, अंकित बिष्ट, सौरभ कुमार, आकाश आजाद, सावन राठौर, शिवा सिंह, प्रियल ध्यानी, कोमल खुराना, अंकिता नौटियाल, इरम बेग, नेहा, महेंद्र चौहान, विजय बिष्ट, सागर पुंडीर आदि शामिल रहे।
प्रतिवर्ष मिलती है छात्रवृत्ति
प्रदेश में एससी, एसटी, ओबीसी व आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष सरकार छात्रवृति देती है। लेकिन, शिक्षा सत्र 2019-20 की छात्रवृति छात्र-छात्राओं को अभी तक नहीं दी गई। कोरोना लॉकडॉउन के चलते इन परिवारों से पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पहले ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में छात्रवृति न मिलने से छात्र- छात्राओं की परेशानी बढ़ गई है।
एनएसयूआई प्रदेशभर में करेगी प्रदर्शन
एनएसयूआई प्रदेश प्रभारी सतवीर चौधरी ने कहा कि जब तक सरकार छात्रवृति जारी नहीं करती, तब तक एनएसयूआई प्रदेशभर में प्रदर्शन करती रहेगी। छात्र-छात्राओं की आवाज उठाने के लिए एनएसयूआई प्रतिबद्ध है।
समस्या को गंभीरता से ले सरकार
प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने कहा कि सरकार के पास अपना प्रचार करने के लिए रुपए हैं। लेकिन, छात्र छात्राओं की छात्रवृत्ति देने के लिए नहीं, सरकार का रवैया अनुचित है। सरकार छात्र-छात्राओं की समस्याओं को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द छात्रवृत्ति जारी करे।