बिटिया दिवस पर कवियित्री तारा पाठक की एक रचना…
तारा पाठक
कवियित्री/समाज सेविका
वर्सोवा, मुंबई (महाराष्ट्र)
——————————————-
बिटिया दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
———————————————–
फूलों में बुरांश जैसी,
निराशा में इक आश जैसी,
पतझड़ में मधुमास जैसी
रुत कोई सुहानी है।
मरुभूमि में हरियाली जैसी,
अमावस में दिवाली जैसी,
सहज-सरल भोली-भाली जैसी
चंचल-नटखट मनमानी है।
मन मांगी मुराद जैसी,
होंठों पर फरियाद जैसी,
जिंदगी आबाद जैसी
बड़ी रोचक कहानी है।
प्राणों का आधार जैसी,
खुशियों का संसार जैसी,
अनमोल उपहार जैसी
प्यारी बिटियां रानी हैं।
———————————————–
सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रकाशित…..13/12/2020
नोट: 1. उक्त रचना को कॉपी कर अपनी पुस्तक, पोर्टल, व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्विटर व अन्य किसी माध्यम पर प्रकाशित करना दंडनीय अपराध है।
2. “शब्द रथ” न्यूज पोर्टल का लिंक आप शेयर कर सकते हैं।