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अंग्रेजों ने संवारा, अपनों ने मुंह फेरा, सरकार हुई बेगानी

वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ”
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देहरादून। अंग्रेजों ने भारत में कितने ही अत्याचार किए हों। लेकिन, सत्य यह भी है कि उन्होंने इस भारत भूमि को संवारा भी। इसके निशान उत्तराखंड में भी हैं। ऐसा ही एक स्थान पौड़ी गढ़वाल के द्वारी खाल ब्लाक में है। यहां महादेव चट्टी के पास रुद्र गंगा पर अंग्रेजों ने पुल बनवाया था। यह पुल इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि क्योंंकि यह बद्रीनाथ मंदिर पैदल मार्ग को जोड़ता है। पुल 2014 में आपदा से ध्वस्त हो गया। लेकिन, 6 साल से अपनी सरकार, अपने जन प्रतिनिधि और अपने अधिकारी-कर्मचारियों ने इसकी सुध नहीं ली।
महादेव चट्टी का यह क्षेत्र राजकीय इंटर कालेज द्वारीखाल के पास है। इसके आसपास झैड, विजयपुर और मंजखोली गांव हैं। पुल पार भोलेनाथ शिव का पौराणिक मन्दिर है। इसी मंदिर को महादेव चट्टी के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजों के ज़माने में जब इस मार्ग से पैदल यात्री बद्रीनाथ की यात्रा पर जाते थे तो महादेव चट्टी उनके विश्राम का मुख्य पड़ाव होता था। वर्ष 2014 में यमकेश्वर व द्वारी खाल ब्लाक में बादल फटने से भारी नुक़सान हुआ था। उसी वक़्त आपदा ने यह पुल भी ध्वस्त हुआ था।

यह सिर्फ पुल नहीं, ऐतिहासिक धरोहर है

शिक्षक दिनेश गुसाईं, महावीर सिंह चौहान, सुनीता पंवार और भूतपूर्व सैनिक/ग्रामीण त्रिलोक सिंह पंवार का कहना है कि यह सिर्फ पुल नहीं है। बल्कि ऐतिहासिक धरोहर है। उस वक्त बद्रीनाथ यात्रा को सुगम बनाने के लिए अंग्रेजों ने यह पुल बनवाया होगा। पुल को बनाया जाना चाहिए। यह पुल इसलिए भी महत्वपूर्ण है ताकि बद्रीनाथ जाने वाला यह मार्ग इतिहास के पन्नों में गुम न हो जाय।

जान जोखिम में डाल जाते हैं शिवालय

स्थानीय निवासी मनोहर सिंह पंवार, चंद्र मोहन, नरेंद्र सिंह पंवार व विशाल सिंह पंवार बताते हैं कि पुल टूटने के कारण लोग परेशान हैं। ग्रामीणों व छात्र-छात्राओं को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। सावन के महीने में लोग जान जोखिम में डालकर शिवालय में जल चढ़ाने जाते हैं।

मार्ग व चट्टी का पौराणिक महत्व

ग्रामीण बताते हैं कि महादेव चट्टी और इस बद्रीनाथ मार्ग का पौराणिक महत्व है। इस मार्ग से पांडवों के बद्रीनाथ मंदिर जाने की कई किवदंतियां हैं। साथ देश के कई राजा महाराजाओं के इस मार्ग से जाने की कहानियां प्रचलित हैं। यह क्षेत्र सांस्कारिक मेला बैशाखी के लिए भी विख्यात है। इसलिए भी ऐतिहासिक एवं पौराणिक रुद्र गंगा सेतु के महत्व को संरक्षित करना आवश्यक है।

लोक निर्माण विभाग ने रद्दी में फेंका पत्र

क्षेत्र पंचायत सदस्य बिट्टू सिंह ने पुल निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग लैंसडौन को पत्र लिखा। लेकिन, विभाग ने पत्र रद्दी की टोकरी में डाल दिया। क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे किसी बड़े जन प्रतिनिधि ने कभी ग्रामीणों की इस समस्या नहीं उठाया।

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