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किसान अध्यादेश के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रखा मौन व्रत, व्रत खोलने के बाद सुनाई खरी-खरी

देहरादून। केंद्र सरकार के किसान अध्यादेश का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी विरोध में किया। विरोध स्वरूप उन्होंने शुक्रवार को गांधी पार्क में मौन व्रत और उपवास रखा। मौन व्रत खोलने के बाद रावत ने केंद्र व राज्य सरकार जमकर खरी-खोटी सुनाई।

हरीश रावत सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर गांधी पार्क पहुंचे। पार्क के अन्दर महात्मा गांधी की मूर्ति पर पुष्पाजंलि अर्पित की। इसके बाद 9 बजकर 45 पर उन्होंने मौन व्रत शुरू किया। 11बजकर 45 तक रावत मौन व्रत व उपवास पर रहे। उपवास-मौन समाप्त करने बाद उन्होंने कहा कि देशभर के किसान तीन काले कानूनों के विरुद्ध आन्दोलन कर रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में भी किसान काले कानूनों के विरुद्ध आवाज बुलंद कर चुके हैं। तीनों कानूनों को संसद में पास कराये जाने के कुप्रयास के विरुद्ध आज मेरा उपवास व मौन व्रत रहा। उन्होंने कहा कि लोकसभा में एक-आध विधेयक पास हो भी चुका है। देश का किसान अपनी जमीन व अधिकार को लेकर परेशान है। उन्होंने कहा कि डैच् यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य जो कि किसानों को उसकी फसल पर एक न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी होता है। सरकार उसको समाप्त कर कारपोरेट जगत की कम्पनियों के हितों के लिये खेती व किसानों को बर्बाद करने का षंडयत्र कर रही है। उपवास-मौनव्रत के दौरान राम धुन लगातार बजती रही। उनके साथ बैठे लोग रघुपति राघव राजाराम भी अंत तक गुनगुनाते रहे। इस अवसर पर पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी, प्रभुलाल बहुगुणा, जोत सिंह बिष्ट, पूरन सिंह रावत, सुशाल राठी, नंदन सिंह बिष्ट, मनीष नागपाल, गुलजार अहमद, प्रमोद गुप्ता, मोहन काला, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, कमलेश रमन, गरिमा दसौनी, शान्ति रावत, परिणीता बडोनी, अनुराधा तिवारी, साधना तिवारी, अमरजीत सिंह, विशाल मौर्य, रितेश क्षेत्री, हेमा पुरोहित, विकास नेगी, श्याम सिंह नेगी, विनोद चौहान, मुहम्मद मुस्तफा, सौरभ मंमगाई आदि मौजूद रहे।

करोड़ों लोग हुए बेरोजगार

रावत ने बेरोजगारी पर भी केन्द्र व राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण करोड़ों लोग बेरोजगार हो गये हैं। तमाम सरकारी व निजी छोटे-बड़े उघोगों से लोगों को निकाला जा रहा है। पहले से चौपट की गई अर्थव्यवस्था के कारण व लाकॅड़ाउन में भी लाखों लोगों को रोजगार खोना पड़ा है।

नौकरी नहीं दे पा रही सरकार

रावत ने कहा कि राज्य से लेकर केंद्र तक की भाजपा सरकार नौकरी नहीं दे पा रही है। सरकारें या तो परिक्षायें नहीं करा रही हैं या परिक्षाओं के नतीजे घोषित नहीं किये जा रहे हैं। हद यह है कि जो नतीजे पूर्व में घोषित हो चुके है, उनमें नियुक्तियां नही दी जा रही हैं। देश व राज्य में लाखों करोड़ों पद खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा कि देश में बेराजगारी की दर विभिन्न क्षेत्रों 14 से 27 प्रतिशत के आसपास है। लेकिन, केन्द्र सरकार चुप्पी साधे हुए है।

मनाही के बाद भी उपवास में पहुंचे कार्यकर्ता

पूर्व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि रावत ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए कार्यकर्ताओं को मौन व्रत व उपवास पर शामिल न होने को कहा था। इसके बावजूद काफी कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता उपवास में पहुंचे। 11.45 बजे गुरु गोविन्द सिंह गुरुद्वारा के ग्रन्थी सरदार बूटा सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री को जूस पिलाकर उनका उपवास खुलवाया।

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