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राजभवन में हरेला पर्व, राज्यपाल ने रोपे मौलश्री व आल स्पाइसेस के पौधे

देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने हरेला पर्व पर राजभवन में मौलश्री और आल स्पाइसेस के पौधों का रोपण किया। साथ ही महिलाओं के लिए उपयोगी हल्दी, घृतकुमारी, तुलसी, गिलोय व लेमनग्रास जैसे औषधीय पौधे भी बांटे। राज्यपाल ने कहा कि उक्त पांच पौधे हर घर में होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर राजभवन में राज्यभर से ग्रामीण महिलाओं को बुलाकर उनसे पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण आर्थिकी और स्वरोजगार पर संवाद करेंगी। हरेला पर्व उत्तराखण्ड की लोक परम्पराओं तथा लोक संस्कृति से जुड़ा पर्यावरण संरक्षण का महोत्सव है। हरेला पर्व के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश मिलता है। पौधरोपण के समय औषधीय व स्वास्थ्यवर्द्धक पौधों के रोपण को विशेष महत्व देना चाहिये। कोविड-19 की वैश्विक महामारी के दौर में पारम्परिक औषधीय पौधों का उपयोग व महत्व बढ़ गया है। भारत में दैनिक प्रयोग में लाये जाने वाले कई मसाले हल्दी, धनिया, काली मिर्च, जीरा, अजवाइन अत्यंत गुणकारी होते हैं। इसी तरह गिलोय, नीम, हल्दी, आंवला, घृतकुमारी जैसे औषधीय गुणों से युक्त कई पौधे होते हैं। अधिकांश पौधे घरों के किचन गार्डन, गमलों में आसानी से उगाये जा सकते हैं। उन्होंने ग्रामीण व शहरी महिलाओं का आह्वान करते हुये कहा कि कहा कि हरेला पर औषधीय पौधों के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के लिए इन पौधों की गुणवत्ता को पहचानें और उपयोग में लायें। इस अवसर वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत,पर्यावरणविद डा अनिल जोशी, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक, वैली कल्चर की वैद्य शिखा यूनेेस्को क्लब के डा राजीव शर्मा, राजीव सच्चर आदि मौजूद रहे।

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