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प्राचीन और वैध धार्मिक स्थल तोड़ने पर कार्यवाही करेगा वक़्फ़ बोर्ड : शादाब शम्स

उत्तराखंड वक्फ़ बोर्ड के चैयरमेन शादाब शम्स ने कहा कि उत्तराखंड में किसी भी प्राचीन, ऐतिहासिक व वक़्फ़ बोर्ड़ में पंजीकृत मज़ार व धार्मिक स्थल को नही तोड़ा जाएगा। इस विषय में उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की है। शम्स ने कहा कि हरिद्वार की पनचक्की की प्राचीन दरगाह जो अंग्रजों ने भी नहर बनाने के समय नही तोड़ी थी, उसे कुछ कर्मचारियों की लापरवाही के कारण तोड़ दिया गया। उसकी जांच कराई जाएगी।

देहरादून में वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स से आल इंडिया सूफ़ी सन्त परिषद के राष्ट्रीय महासचिव व शायर अफ़ज़ल मंगलोरी ने प्रतिनिधिमंडल के साथ उनके निवास  मिलकर उत्तराखंड में चल रहे मज़ारों और दरगाहों के खिलाफ सरकारी अभियान के विषय विस्तार से बताते हुए इस प्रकरण को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने की मांग की। जिस पर वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष शम्स ने प्रतिनिधिमण्डल के समक्ष ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता कर सूफी संत परिषद की उचित मांग से अवगत कराया।

शम्स ने प्रेस और मीडिया के प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि जो भी अधिकारी अतिक्रमण के नाम पर वैध, प्राचीन व ऐतिहासिक दरगाहों, मज़ारों व धार्मिक स्थलों को तोड़ने का काम करेगा, वक़्फ़ बोर्ड उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगा। शम्स ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश ही नही बल्कि पूरे देश का मुस्लिम समाज तेज़ी के साथ भाजपा से जुड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की सर्व वर्ग विकास की योजनाओं से प्रभावित है। इसलिए मुस्लिम समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनके पूर्वजो व बुजुर्गों की मज़ारों को संरक्षित रखा जाय, अतिक्रमण के नाम पर गैर संवैधनिक कदम नही उठाये जाने चाहिए इससे सरकार की छवि पर भी ग़लत असर पड़ रहा है। वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि भविष्य में अब कोई वैध व ऐतिहासिक प्राचीन धार्मिक स्थल को नही तोड़ा जाएगा। परिषद की मांग पर वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष ने बहादराबाद के पनचक्की में तोड़े गए प्राचीन मज़ार के विषय मे हरिद्वार के जिला अधिकारी से बात कर जांच कराने की बात कही।

आल इंडिया सूफी संत परिषद के महासचिव व अंतरराष्ट्रीय शायर अफ़ज़ल मंगलोरी ने कहा कि पूरे प्रदेश के सूफी संत, सज्जादे तथा खानकाही विचारधारा के लोग फर्जी व गैर कानूनी मज़ारों के खिलाफ है और सरकार के साथ है। यह खेद का विषय है कि कुछ अधिकारी सरकार को भृमित कर प्राचीन, ऐतिहासिक, मान्य धार्मिक स्थलों व मज़ारों को भी निशाना बना रहे हैं जो कानून के विरुद्ध होने के साथ प्रदेश की सभ्यता व वसुधैव कुटुम्बकम की संस्कृति के भी विपरीत है।

मंगलोरी ने कहा कि दिल्ली में 9 मई को दिल्ली स्थित दरगाह हज़रत निज़ामुद्दीन में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बरेली व जयपुर दरगाह के सज्जादा सूफ़ी प्रो हबीबुर्रहमान नियाज़ी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। बैठक में अन्य विषय के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष से समय लेकर मज़ारों के प्रकरण पर सही वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में सूफी अहमद कादरी, मौलाना वकील अहमद, सूफी सलमान रज़ा, सूफी अमजद अली, सूफी नईम अता शाह, सूफी शकील साबरी आदि शामिल रहे।

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