Fri. Nov 22nd, 2024

शाइर एलसी जैदिया “जैदि” की एक गज़ल, अंखियों ने तेरी मुझको मध पिला दिया..

एलसी जैदिया “जैदि”
शाइर
बीकानेर, राजस्थान
———————————————–

गज़ल
—————-

अंखियों ने तेरी मुझको मध पिला दिया,
परियों ने जैसे आकर अमृत पिला दिया।।

मखमली हाथों से जब छूआ, तुमने मुझे,
लगा ऐसे अंदर तक मुझको हिला दिया।।

दरबदर भटकता रहा जुस्तजू में मैं तेरी,
इक झुमके ने तेरे मुझको यूं मिला दिया।।

गजरा क्या गिराया तुमने, यूं राहों में मेरी,
लगा हयात को, गुलाब सा खिला दिया।।

खुद को भुला दिया था मैंने यादों में तेरी,
आ के तूने ये जीवन फिर से दिला दिया।।

काबिल न था ये “जैदि” उल्फ़त का तेरी,
कर के इकरार तूने प्यार का सिला दिया।।
——————————————————

मायने:-

जुस्तजू:- तलाश
हयात:-जिन्दगी
सिला:-इनाम
—————————————————

परिचय

एलसी जैदिया”जैदि”
शाइर व आकाशवाणी वार्ताकार

जन्म तिथि:- 20 नवंबर 1969
शिक्षा:– एमए (राजनीतिक विज्ञान)

व्यवसाय व पद :- तकनीकी सहायक
सरदार पटेल मेडिकल कालेज बीकानेर।

पता:– एफ/73, बल्लभ गार्डन, बीकानेर-334003

मोबाईल न:- 9829829629
—————————————————

सर्वाधिकार सुरक्षित।
प्रकाशित…..22/11/2020
नोट: 1. उक्त रचना को कॉपी कर अपनी पुस्तक, पोर्टल, व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, ट्विटर व अन्य किसी माध्यम पर प्रकाशित करना दंडनीय अपराध है।

2. “शब्द रथ” न्यूज पोर्टल का लिंक आप शेयर कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *