सिस्टर ये देखिए ये कश्मीरी कढ़ाई का सूट …
यात्रा वृत्तांत : श्रीनगर गढ़वाल से श्रीनगर कश्मीर तक (प्रथम दिवस 8 जून 2025)

नीरज नैथानी
श्रीनगर गढ़वाल हिमालय।
साहित्य संचय शोध फाउंडेशन की ओर से कश्मीर विश्वविद्यालय श्रीनगर में दो दिवसीय (9-10 जून 2025) अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में सहभागिता के साथ ही कश्मीर पर्यटन भी निर्धारित था। साठ से अधिक सहभागी आठ जून शाम को ही श्रीनगर पहुंच गए।बोलवर्ड रोड पर डल झील के तट से सटे स्थित होटल सन साइन में अनुमानित पचास प्रतिनिधियों के आवास की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी थी। शेष सहभागी अन्यत्र व्यवस्थित किए गए।
जब हमारा दल कश्मीर की राजधानी श्रीनगर पहुंचा तो कश्मीर के सौंदर्य को निरूपित करता डल झील का विस्तार हमारे स्वागतोत्सव हेतु तत्पर दिखा। संध्या कालीन बेला में देर रात तक पर्यटकों की उमड़ी भीड़ को देखकर तनिक भी एहसास नहीं हुआ कि यह वही जगह है जहां कुछ समय पहले आतंकवादियों ने पहलगाम में 27 पर्यटकों की नृशंस हत्या करने के परिणामस्वरूप खौफनाक सन्नाटा पसर गया था।

पुलिस बल, अर्द्धसैनिक बल की टुकड़ियों व भारतीय सेना के बख्तरबंद वाहन में निगरानी करते सुरक्षा कर्मियों के कड़े साये में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। लेकिन, अब धीरे-धीरे हालात बदल रहे हैं। कश्मीर पर्यटन पुनः अपने शबाब पर दिखने लगा है।
भोजनोपरान्त हम सभी साथी विभिन्न उपसमूहों में विभक्त होकर डल झील के किनारे बने पैदल पथ पर टहलते हुए आनंदित हो रहे थे। सड़क किनारे पटरी पर अनेक फेरी वाले फड़ लगाए पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आवाज लगा रहे थे।
सिस्टर ये देखिए ये कश्मीरी कढ़ाई का सूट, ये लीजिए कितना सुंदर पर्स है, सर इधर आइए नहीं लेना मत लीजिए पर देख तो लीजिए, ये कश्मीर की याद ले जाइए, कश्मीरी केशर असली वाली, ड्राई फ्रूट्स, उड क्राफ्ट्स, ऊलन कपड़े, कश्मीरी स्पेशल कहवा और भी तमाम सारी चीजें बिक रही थीं। आस-पास की दुकानों में भी कस्टमर बारगेनिंग करने में उलझे हुए थे।
डल झील की झिलमिलाती लहरों के बीच पर्यटकों को रात्रि कालीन बेला में जल विहार कराते शिकारे बहुत सुंदर लग रहे थे। उस खुशगवार मौसम में हम बहुत देर तक मदहोश हुए पर्यटन का आनंद लेते रहे।
कश्मीर में पर्यटन उद्योग के उल्लासित उमंगित होने के सुखद एहसास ने हमें तसल्ली के साथ सकून का एहसास कराया।
क्रमश …
