कवि सुभाष चंद वर्मा की कविता.. प्रभु वरदानों से कृतार्थ करना
सुभाष चंद वर्मा
सत्य विहार, विजय पार्क
देहरादून, उत्तराखंड
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वरदान
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प्रभु वरदानों से कृतार्थ करना,
सपने हमारे यथार्थ करना।
आस्था के मोती पिरोए हैं हमने,
श्रद्धा की माला स्वीकार करना,
प्रभु वरदानों से कृतार्थ करना।
कमजोर तन की बैसाखी बने,
हम परमार्थ से कभी न टलें।
दुर्गुणों पर हमारे प्रहार करना,
श्रद्धा की माला स्वीकार करना,
प्रभु वरदानों से कृतार्थ करना।
मन में न ईर्ष्या का भाव हो,
सदा ही प्रेम और सद्भाव हो।
अहंकार पर ऐसा प्रहार करना,
श्रद्धा की माला स्वीकार करना,
प्रभु वरदानों से कृतार्थ करना।
चुनौतियों का कठिन दौर है,
चारों ओर माया का शोर है।
हमारी आसक्ति का संहार करना,
श्रद्धा की माला स्वीकार करना।
प्रभु वरदानों से कृतार्थ करना,
सपने हमारे यथार्थ करना।
आस्था के मोती पिरोए हैं हमने,
श्रद्धा की माला स्वीकार करना।