कवि सुभाष वर्मा की एक रचना … राहों पे निगाह रखना
सुभाष चंद वर्मा
रक्षा अधिकारी (सेवा निo)
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राहों पे निगाह रखना
राहों पे निगाह रखना, दिल में दीपक जला रखना
आ जायेंगे मन मोहन, मन का मन्दिर खुला रखना
राहों पे निगाह रखना……
जिंदगी को संवारेंगे, जब भी उनको पुकारेंगे
वृंदावन का पता रखना, दिल में दीपक जला रखना
आ जायेंगे मन मोहन, मन का मन्दिर खुला रखना
राहों पे निगाह रखना……
गायें- बछड़े चरायेंगे, अपनी मुरली सुनाएंगे
चारागाह का पता रखना, दिल में दीपक जला रखना
आ जायेंगे मन मोहन, मन का मन्दिर खुला रखना
राहों पे निगाह रखना…….
घर से माखन चुरायेंगे, यशोदा को सतायेंगे
गोकुल का पता रखना, दिल में दीपक जला रखना
आ जायेंगे मन मोहन, मन का मन्दिर खुला रखना
राहों पे निगाह रखना…….
रास- लीला रचायेंगे, भक्तों को नाचायेंगे
निधि- वन का पता रखना, दिल में दीपक जला रखना
आ जायेंगे मन मोहन, मन का मन्दिर खुला रखना
राहों पे निगाह रखना…….
यमुना को बचायेंगे, कालियों को मिटायेंगे
घाटों का पता रखना, दिल में दीपक जला रखना
आ जायेंगे मन मोहन, मन का मन्दिर खुला रखना
राहों पे निगाह रखना……
राहों पे निगाह रखना, दिल में दीपक जला रखना
आ जायेंगे मन मोहन, मन का मन्दिर खुला रखना
राहों पे……