काव्य धर्म साहित्य कवि हलधर का प्यारा सा गीत…मज़हब अगर नहीं होते तो, रूप जगत का न्यारा होता November 26, 2020 admin जसवीर सिंह हलधर कवि/शाइर देहरादून, उत्तराखंड —————————————– गीत -रूप जगत का न्यारा होता ———————————————— तुम…
काव्य विभूति साहित्य चंदेल साहिब की एक कविता, परमवीर चक्र विजेता रायफलमैन संजय कुमार को समर्पित November 22, 2020 admin चंदेल साहिब कवि/लेखक बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश ——————————————– हिमाचल का वीर ज़वान, परमवीर चक्र विजेता रायफलमैन…
काव्य शिक्षा साहित्य प्रो अलका अरोड़ा की प्रगतिवादी रचना, मैं गिरकर उठने का हुनर अब जान गई हूं… November 21, 2020 admin डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून मेरा स्वाभिमान है यह ———————————— मैं गिरकर उठने का हुनर…
काव्य साहित्य कवियित्री तारा पाठक की लोरी: मेरी गुड़िया रानी का, प्यारा सा झूला होगा.. फूलों का हिंडोला होगा.. November 21, 2020 admin तारा पाठक कवियित्री/समाजसेविका वर्सोवा, मुंबई, महाराष्ट्र ———————————————– लोरी ————— मेरी गुड़िया रानी का प्यारा सा…
काव्य शिक्षा संस्मरण मेरे यारो जरा सुन लो ये बचपन की कहानी है… November 21, 2020 admin आभा चौहान अहमदाबाद, गुजरात ————————————— बचपन की यादें मेरे यारो जरा सुन लो ये बचपन…
आध्यात्मिक काव्य साहित्य मैं पुष्प बनना चाहता हूं, मैं प्रकृति के रंगों में रंगना चाहता हूं.. November 20, 2020 admin अमित नैथाणी ‘मिट्ठू’ अनभिज्ञ ऋषिकेश, उत्तराखंड ———————————————– मैं पुष्प बनना चाहता हूं ————————————— मैं पुष्प…
आध्यात्मिक काव्य धर्म साहित्य कान्हा सिमरण ओ मन मेरे, मैं भी नहीं रहना बिन तेरे… November 20, 2020 admin चंदेल साहिब कवि/लेखक बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश ——————————————– राधे तू रट ले ओ मन मेरे। मैं…
आध्यात्मिक काव्य साहित्य अबोध हूँ , अनभिज्ञ हूँ .. संसार के रीति-रिवाजों से जकड़ा हूँ.. November 18, 2020 admin अमित नैथाणी ‘मिट्ठू’ ऋषिकेश, उत्तराखण्ड ————————————— मैं आनन्दित हो गया हूँ अबोध हूँ , अनभिज्ञ…
काव्य धर्म साहित्य गोविंद कृष्ण मुरारी, चरणों का मैं पुजारी… November 18, 2020 admin चंदेल साहब कवि/लेखक बिलासपुर, हिमाचल ————————————— गोविंद कृष्ण मुरारी, चरणों का मैं पुजारी… पूजा करूँगा…
national काव्य साहित्य अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ की गढ़वाली कविता.. उजड़दी कूड़ी की खैरी November 16, 2020 admin अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ ऋषिकेश, उत्तराखंड ——————————————- उजड़दी कूड़ी की खैरी ——————————————– हे रे परदेशु जन्दरौं…