Mon. Nov 25th, 2024

काव्य

कवि हलधर का प्यारा सा गीत…मज़हब अगर नहीं होते तो, रूप जगत का न्यारा होता

जसवीर सिंह हलधर कवि/शाइर देहरादून, उत्तराखंड —————————————– गीत -रूप जगत का न्यारा होता ———————————————— तुम…

चंदेल साहिब की एक कविता, परमवीर चक्र विजेता रायफलमैन संजय कुमार को समर्पित

चंदेल साहिब कवि/लेखक बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश ——————————————– हिमाचल का वीर ज़वान, परमवीर चक्र विजेता रायफलमैन…

प्रो अलका अरोड़ा की प्रगतिवादी रचना, मैं गिरकर उठने का हुनर अब जान गई हूं…

डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून मेरा स्वाभिमान है यह ———————————— मैं गिरकर उठने का हुनर…

कवियित्री तारा पाठक की लोरी: मेरी गुड़िया रानी का, प्यारा सा झूला होगा.. फूलों का हिंडोला होगा..

तारा पाठक कवियित्री/समाजसेविका वर्सोवा, मुंबई, महाराष्ट्र ———————————————– लोरी ————— मेरी गुड़िया रानी का प्यारा सा…

मैं पुष्प बनना चाहता हूं, मैं प्रकृति के रंगों में रंगना चाहता हूं..

अमित नैथाणी ‘मिट्ठू’ अनभिज्ञ ऋषिकेश, उत्तराखंड ———————————————– मैं पुष्प बनना चाहता हूं ————————————— मैं पुष्प…

अबोध हूँ , अनभिज्ञ हूँ .. संसार के रीति-रिवाजों से जकड़ा हूँ..

अमित नैथाणी ‘मिट्ठू’ ऋषिकेश, उत्तराखण्ड ————————————— मैं आनन्दित हो गया हूँ अबोध हूँ , अनभिज्ञ…

अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ की गढ़वाली कविता.. उजड़दी कूड़ी की खैरी

अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ ऋषिकेश, उत्तराखंड ——————————————- उजड़दी कूड़ी की खैरी ——————————————– हे रे परदेशु जन्दरौं…