Thu. May 29th, 2025

साहित्य

कवि धर्मेंद्र अनियाल ‘धर्मी’ की एक रचना.. तो फिर समझो चुनाव नज़दीक है..

धर्मेंद्र उनियाल धर्मी अल्मोड़ा, उत्तराखंड ————————————————— तो फिर समझो चुनाव नज़दीक है। जब जब जनता…

कवि जसवीर सिंह हलधर की एक रचना… भारत माता आहत है अब पाकिस्तानी नारों से..

जसवीर सिंह ‘हलधर’ देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————- कविता-आहत हिंदुस्तान भारत माता आहत है अब पाकिस्तानी नारों…

वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक ग़ज़ल…. हम चाँद होकर भी अपनी चाँदनी को तरसते रहे

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————- गज़ल हम चाँद होकर भी अपनी चाँदनी को तरसते रहे…

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली’ की एक रचना… है जहाँ में जो सबसे न्यारा

सुलोचना परमार उत्तरांचली देहरादून, उत्तराखंड —————————————————————- मेरा हिन्दुस्तान है जहाँ में जो सबसे न्यारा वो…