Sun. Jun 1st, 2025

Litrature

संविधान दिवस पर विशेष…. मैं हूँ भारत का संविधान, दुनियां में जाना पहचाना…

जसवीर सिंह हलधर कवि/शाइर देहरादून, उत्तराखंड —————————————– गीत – संविधान दिवस पर ——————————– मैं हूँ…

प्रो अलका अरोड़ा की प्रगतिवादी रचना, मैं गिरकर उठने का हुनर अब जान गई हूं…

डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून मेरा स्वाभिमान है यह ———————————— मैं गिरकर उठने का हुनर…

कवियित्री तारा पाठक की लोरी: मेरी गुड़िया रानी का, प्यारा सा झूला होगा.. फूलों का हिंडोला होगा..

तारा पाठक कवियित्री/समाजसेविका वर्सोवा, मुंबई, महाराष्ट्र ———————————————– लोरी ————— मेरी गुड़िया रानी का प्यारा सा…

भोर आज हंस रही है शाम मुस्कुरा रही, देवभूमि आज अपनी वर्षगांठ मना रही…

जगदीश ग्रामीण कवि/शिक्षक टिहरी गढ़वाल —————————————– दर्द – ए – दिल ——————————- भोर आज हंस…