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तुंगनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराएंगे यूएसए के पंकज कुमार, बोर्ड ने दी सहमति

-मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में लगी मुहर, तुंगनाथ सहित अन्य मंदिरों में भी होगा काम

देहरादून (dehradun)। उत्तराखंड के विभिन्न मंदिरों का जीर्णोद्धार दान-दाताओं के सहयोग से किया जाएगा। सरकार और उत्तराखण्ड देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड (Uttarakhand devsthanam board) ने इसको मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री (cm) त्रिवेंद्र सिंह रावत (trivendra Singh rawat) की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में इस पर मुहर भी लगी है। अब दानियों के सहयोग से जीर्ण-शीर्ण हुए कई मंदिरों को भव्यता मिलेगी।
तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मन्दिर (tungnath temple) और सभा मण्डप आदि का जीर्णोद्धार यूएसए के दानी पंकज कुमार की ओर से जाएगा। इस काम आने वाला खर्च पंकज कुमार (Pankaj Kumar) वहन करेंगे। उन्होंने इसका प्रस्ताव रखा था, जिसे बोर्ड बैठक में मंजूर कर लिया गया। वहीं,
केदारनाथ स्थित ईशानेश्वर मन्दिर का नवनिर्माण के मुम्बई के दानी मनोज सोलंकी की ओर से किया जाएगा। श्री केदारनाथ मन्दिर के पूरब द्वार की भी मरम्मत की जाएगी। इसका खर्चा हरियाणा के दानी यतिन घई वहन करेंगे।

रावल व पुजारी कक्षों की भी होगी मरम्मत

केदारनाथ (kedar Nath) में रावल व पुजारी आदि के कक्षों की मरम्मत, ऊखीमठ मन्दिर का जीर्णोद्वार, बहुमूल्य पाण्डुलिपियों को डिजिटाइल किये जाने, कार्तिक स्वामी मन्दिर को देवस्थानम बोर्ड के अधीन लाये जाने के प्रस्ताव को भी बैठक में मंजूरी मिल गई। थलीसैंन स्थित विन्देश्वर मन्दिर का भी जीर्णोद्वार किया जाएगा। बोर्ड बैठक में इस पर सहमति बनी है। साथ ही निर्णय हुआ कि देवस्थानम बोर्ड मंदिर परिसरों के साथ ही यात्रा मार्गों पर होर्डिंग लगाएगा।

पंडे पुजारियों का तैयार होगा डेटा

बद्रीनाथ और केदारनाथ मन्दिरों के पुजारियों, पण्डों, पुरोहितों, वाद्य यंत्र वादकों आदि डेटा तैयार किया जाएगा। बोर्ड के पास इनकी पूरी जानकारी रहेगी ताकि जरूरत पड़ने पर इन लोगों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडे, पुजारी, पुरोहित, ढोल वादक हमारी संस्कृति के संवाहक हैं। इनकी आर्थिक व सामाजिक रूप से नुकसान नहीं होना चाहिए।

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