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भारत को विश्व गुरु की भूमिका के रूप में देखना चाहता है विश्व : सिंह

देहरादून। विश्व संवाद केंद्र की वार्षिकी-2023 का लोकार्पण शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने किया। पुस्तक में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की वर्ष 2023 की प्रमुख घटनाक्रम है।

तिलक रोड स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांतीय कार्यालय में आयोजित लोकार्पण समारोह में मुख्य वक्ता के तौर पर क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व आज भारत को विश्व गुरु की भूमिका के रूप में देखना चाहता है। क्योंकि, भारत का विचार वसुधैव कुटुम्बकम्: है। उन्होंने कहा कि ‘मैं भारत हूं’ यह भाव सभी में जागृत होना चाहिए।

पदम सिंह ने कहा कि समाज को भ्रम में डालने वाले निरेटिव से बचना है। नैरेटिव के इस मायाजाल से समाज को भ्रमित होने से रोकना प्रभुद और जागृत लोगों का काम है। राष्ट्र निर्माण का कार्य बड़ा कार्य है, इस में समय लगता ही है। ऐसे में विमर्श की जरूरत है, जिसे 1925 में डा. केशव राव बलीराम हेडगेवार ने समझा। आत्मबोध और शत्रुबोध को पहचानना है। मायाजाल से मुक्ति पाने लिए विमर्श जरूरी है। मनुष्य निर्माण की ओर आना है। संघ आज भी बुराई का समाधान करता है। लेकिन, खुद दिखता नहीं है। व्यक्ति नहीं संघ में विचार और संगठन दिखाई पड़ता है। सामाजिक परिवर्तन में सबकी महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए। भारतीय जीवन मूल्य स्वदेशी भाव धार्मिक विचार अनुशासन सादगी राष्ट्र भक्ति बड़ों का सम्मान इस भाव का अपने घर परिवार में दर्शन होना चाहिए

2001 में देहरादून में स्थापित विश्व संवाद केंद्र भारतीय संस्कृति, राष्ट्र चिंतन के लिए कार्य करता है और राष्ट्र चेतना के लिए प्रोत्साहन करता है।

इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम् गीत से हुई। प्रांत मीडिया संवाद प्रमुख बलदेव पाराशर ने मंच का संचालन किया। इस दौरान प्रांत प्रचार प्रमुख संजय कुमार, निर्देशक विश्व संवाद केंद्र विजय, शाक्त ध्यानी, राजेश सेठी, हेम पाण्डे, लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल, अध्यक्ष सुरेंद्र मित्तल, नीरज मित्तल, अनिल नन्दा, राजकुमार टांक, रीता गोयल, डा. उषा, प्रेम चमोला, दिनेश उपमन्यु, मनीष बागड़ी, राधाकृष्णन, शिव मोहन, रश्मि रावत आदि मौजूद रहे।

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