Mon. Nov 25th, 2024

साहित्य

वरिष्ठ कवि मोहन चंद्र जोशी “मोहंदा” की कविता… थे न थकाउ अखबार हॉकर.. विक्रेता के बेतन भोगी वर्कर…

मोहन चंद्र जोशी “मोहंदा” हल्द्वानी, उत्तराखंड ———————————————– अखबार ऐसी चीज ओढ लो या बिछालो, मनोरंजन…

युवा कवि धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ की गढ़वाली कविता.. दिल्ली बम्बई वाला किलै? उत्तराखंड मा लेणा ज़मीन…

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ अल्मोड़ा, उत्तराखंड ——————————————- पटवारी जी, हे अमीन, करा त जरा ईं छाण-बीन…

संवेदनशील रचनाकार डॉ अलका अरोड़ा की कविता … उठो नारी आंसू पोंछो खुद की कीमत पहचानो..

डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून ———————————— सशक्त बनो हे नारी तुम ————————————- उठो नारी आंसू…

दर्द-ए-दिल का चुनावी मंडाण…. चल मेरी आप बीती प्रेम पाती सीएम साहब के दून दरबार

दर्द-ए-दिल का चुनावी मंडाण —————————————– सुनो सरकार! ———————————— चल मेरी आप बीती प्रेम पाती सीएम…

युवा कवि धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ की गढ़वाली रचना.. मौज़ नेता अर सरकारू की होणी।

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ अल्मोड़ा, उत्तराखंड —————————————— मातृभाषा तैं समर्पित रचनाकारू तैं सादर समर्पित ——————————————————– दुर्गति…

देहरादून से शाइर जीके पिपिल की एक ग़ज़ल… किसी भूली बिसरी कहानी की तरह

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————— “गजल” ————————- किसी भूली बिसरी कहानी की तरह किसी दरिया…