कवि सुभाष चंद वर्मा की रचना … वतन पर मिटने वालों के, निशाँ भारत मे मिलते हैं।
सूभाष चंद वर्मा देहरादून, उत्तराखंड ————————————————– फूल एक ही नूर से, दुनिया में सारे रंग…
सूभाष चंद वर्मा देहरादून, उत्तराखंड ————————————————– फूल एक ही नूर से, दुनिया में सारे रंग…
डॉ अलका अरोड़ा देहरादून, उत्तराखंड ———————————————– पायल कहीं सीमा का बंधन देखो कहीं रात अलबेली…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————– ज्ञानवापी मस्ज़िद विवाद पर एक दृष्टिकोण कुछ लोग दूध का…
वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ देहरादून,उत्तराखंड ————————————————————- गीत (सार छंद) रास रचाते मोहन राधा, गीत बांसुरी गाती…
डॉ चेतन आनंद गाज़ियाबाद ———————————————————————— गीत हर दिन जोड़-घटाना छोड़ो, गुणा-भाग के रिश्ते तोड़ो, शुष्क…
डॉ चेतन आनंद गाज़ियाबाद ———————————————————————— काले, नीले, पीले दिन पहले तो होते थे केवल काले,…
वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ देहरादून,उत्तराखंड ————————————————– घनाक्षरी कुसुम सनातन के, कुसुमित हुए फिर विराज रहे पावन,…
जीके पिपिल देहरादून। ———————————————————— गज़ल प्यास है तो पानी के और भी ज़रिए तलाश कर…
धर्मेन्द्र उनियाल “धर्मी” —————————————————— घर से निकले करने को कुछ, जनता का कम करने को…
जीके पिपिल देहरादून ———————————————————————————————- ग़ज़ल किनारों पर भी चलता हूं तो भंवर सा लगता है…