साहित्य

प्रो अलका अरोड़ा की प्रगतिवादी रचना, मैं गिरकर उठने का हुनर अब जान गई हूं…

डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून मेरा स्वाभिमान है यह ———————————— मैं गिरकर उठने का हुनर…

कवियित्री तारा पाठक की लोरी: मेरी गुड़िया रानी का, प्यारा सा झूला होगा.. फूलों का हिंडोला होगा..

तारा पाठक कवियित्री/समाजसेविका वर्सोवा, मुंबई, महाराष्ट्र ———————————————– लोरी ————— मेरी गुड़िया रानी का प्यारा सा…

मैं पुष्प बनना चाहता हूं, मैं प्रकृति के रंगों में रंगना चाहता हूं..

अमित नैथाणी ‘मिट्ठू’ अनभिज्ञ ऋषिकेश, उत्तराखंड ———————————————– मैं पुष्प बनना चाहता हूं ————————————— मैं पुष्प…

सूर्य मंदिर… उत्तराखंड का कटारमल मंदिर कहां कम है कोणार्क से

कटारमल का सूर्य मंदिर -उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जनपद में कटारमल (सूर्य) मंदिर स्थित है। इसकी…

अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ की गढ़वाली कविता.. उजड़दी कूड़ी की खैरी

अमित नैथानी ‘मिट्ठू’ ऋषिकेश, उत्तराखंड ——————————————- उजड़दी कूड़ी की खैरी ——————————————– हे रे परदेशु जन्दरौं…

भैया तुम सरहद पर रहकर तम दूर करो, मैं खुद की रक्षा का व्रत आज उठाउंगी..

जसवीर सिंह हलधर कवि/शाइर देहरादून, उत्तराखण्ड ————————————— गीत -भैया दूज —————————– भैया तुम सरहद पर…