कवि/शाइर जीके पिपिल की एक ग़ज़ल … परिवार ही सच्ची दुनियां होती है दुनियां वालों
जीके पिपिल देहरादून ————————————————- ग़ज़ल कविता सुनना और सुनाना तो सिर्फ़ बहाना है असल उद्देश्य…
जीके पिपिल देहरादून ————————————————- ग़ज़ल कविता सुनना और सुनाना तो सिर्फ़ बहाना है असल उद्देश्य…
डॉ चेतन आनंद गाजियाबाद, उप्र ————————————————————— ग़ज़ल चेहरों में क्या रखा है, आप अंतस देखिये।…
जसबीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————————————- ग़ज़ल (हिंदी) डर नहीं जाना कि उनके हाथ में…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————————– गज़ल क़ैद होकर अपने आप में घुटन में मज़ा आ…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————- गज़ल जो उड़ना चाहते हो तो ये रखो ध्यान में…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————————- गज़ल हर चीज़ है सुहानी फिर भी कुछ कमी सी…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————– गज़ल जग के मेले में कैसे कैसे कमाल देखे समाज…
जीके पिपिल देहरादून। ———————————————————— गज़ल प्यास है तो पानी के और भी ज़रिए तलाश कर…
जीके पिपिल देहरादून ———————————————————————————————- ग़ज़ल किनारों पर भी चलता हूं तो भंवर सा लगता है…
डॉ चेतन आनंद गाज़ियाबाद ———————————————————————————————————— ग़ज़ल दर्द भी महसूस करके देखिये। ज़िन्दगी महसूस करके देखिये।…