काव्य साहित्य हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने पर कवि जीके पिपिल की चुटकी … January 21, 2022 admin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————- जहाँ-जहाँ भी रहे हमेशा वहाँ-वहाँ सबसे टकराये जाने किसके बलबूतों पर बार-बार इतना इतराये लेकिन, इस बार तो दल ने उनको ऐसी धूल चटाई नई ठौर नहीं मिली तो लौट के बुद्धू घर को आये। Tags: कवि/शाइर जीके पिपिल, राजनीति, साहित्य, हरक सिंह रावत Continue Reading Previous वरिष्ठ कवि जीके पिपिल का दल-बदल पर एक मुक्तकNext कवि जीके पिपिल … उसे सोनिया के तलवों में गुड़ सी मिली मिठास रे… More Stories national उत्तराखण्ड साहित्य तारा पाठक की प्रेरणादायक कहानी… किसान का बेटा November 7, 2024 admin national News Update उत्तराखण्ड देहरादून साहित्य स्पर्श हिमालय महोत्सव 2024 : देहरादून में ‘‘लेखक गाँव’’ का राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण October 25, 2024 admin साहित्य तारा पाठक की बाल कहानी … गंध दिवाली की October 24, 2024 admin Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ