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रूही क़ादरी की एक कविता … दुख से भरे अहसास छुपे हैं कविता में

रूही क़ादरी
देहरादून, उत्तराखंड

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कविता

दुख से भरे अहसास छुपे हैं कविता में
सुख के कोमल आभास छुपे हैं कविता में

प्यार, दोस्ती, रिश्ते, शिकायत, अपनापन
कहीं छल कहीं विश्वास छुपे हैं कविता में

नटखट बचपन बैरी यौवन बूढ़ा जीवन
उम्र के दिन और मास छुपे हैं कविता में

मिलना, बिछड़ना और फिर से मिलना
कभी दूर तो कभी पास छुपे हैं कविता में

प्रेम आलिंगन लाज की लाली और चुम्बन
इंतज़ार, मिलन और आस छुपे हैं कविता में

टूटे दिल टूटी सांसें टूटी कसमें और टूटे वादे
ख़ाली पैमाने और प्यास छुपे हैं कविता में

देश प्रेम, जनचेतना, सियासतें और नारी वेदना
नदियां, धरती और आकाश छुपे हैं कविता में

© रूही क़ादरी
स्वरचित कविता

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