ग़ज़ल कवि/शाइर जीके पिपिल की एक ग़ज़ल … जो उड़ना चाहते हो तो ये रखो ध्यान में July 6, 2022 admin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————- गज़ल जो उड़ना चाहते हो तो ये रखो ध्यान में…
काव्य साहित्य ओज के कवि जसवीर सिंह हलधर की एक रचना … हिन्दू की लाशों पर शासन, जिनका कारोबार रहा है June 7, 2022 admin जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड -9897346173 ————————————————— कविता -जागो भारत वासी हिन्दू की लाशों पर…
ग़ज़ल वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की रचना … जग के मेले में कैसे कैसे कमाल देखे June 2, 2022 admin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————– गज़ल जग के मेले में कैसे कैसे कमाल देखे समाज…
काव्य साहित्य कवि सुभाष चंद वर्मा की रचना … वतन पर मिटने वालों के, निशाँ भारत मे मिलते हैं। May 31, 2022 admin सूभाष चंद वर्मा देहरादून, उत्तराखंड ————————————————– फूल एक ही नूर से, दुनिया में सारे रंग…
काव्य साहित्य डॉ अलका अरोड़ा की एक रचना … पायल May 26, 2022 admin डॉ अलका अरोड़ा देहरादून, उत्तराखंड ———————————————– पायल कहीं सीमा का बंधन देखो कहीं रात अलबेली…
काव्य साहित्य कवि/गीतकार वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” का सार छंद में गीत … रास रचाते मोहन राधा, गीत बांसुरी गाती April 17, 2022 newsadmin वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ देहरादून,उत्तराखंड ————————————————————- गीत (सार छंद) रास रचाते मोहन राधा, गीत बांसुरी गाती…
काव्य साहित्य रामनवमी पर विशेष: कवि/गीतकार वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” का प्रभु राम को समर्पित छंद April 10, 2022 admin वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ देहरादून,उत्तराखंड ————————————————– घनाक्षरी कुसुम सनातन के, कुसुमित हुए फिर विराज रहे पावन,…
काव्य साहित्य जैन साध्वी जी महाराज संबोधि श्री की कोरोना का दर्द बयां करती रचना March 24, 2022 admin जैन साध्वी जी महाराज संबोधि श्री ———————————————– सिसकता दर्द तर्ज — जीत ही लेंगे बाजी…
काव्य त्यौहार साहित्य होली पर विशेष:: कवि वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” का होली गीत … फागुन ने छेड़ी तान March 18, 2022 newsadmin वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————————————————- फागुन ने छेड़ी तान घुघती गए मीठे गान खिला…
काव्य साहित्य होली: कवि वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” के कुछ प्रेममय छंद March 17, 2022 newsadmin वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————————————————- 1- रुत मनभावन सी, परब सी पावन सी महक…