Fri. Nov 22nd, 2024

ग़ज़ल

मशहूर कवि/शाइर डॉ चेतन आनंद की एक ग़ज़ल … पहले तो होते थे केवल काले, नीले, पीले दिन …

डॉ चेतन आनंद गाज़ियाबाद ———————————————————————— काले, नीले, पीले दिन पहले तो होते थे केवल काले,…

वरिष्ठ कवि/शाइर जीके पिपिल की ग़ज़ल … जब से देख ली है फ़िल्म कश्मीर फाइल्स हमने …

जीके पिपिल देहरादून ———————————————————————————————- ग़ज़ल किनारों पर भी चलता हूं तो भंवर सा लगता है…

वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक शानदार ग़ज़ल … फलों को हाथों से नहीं पत्थरों से तोड़ा गया

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————— ग़ज़ल फलों को हाथों से नहीं पत्थरों से तोड़ा गया…

वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की ग़ज़ल… मोहब्बत में गँवाया था गँवाया है कमाया कुछ नहीं

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————————————— ग़ज़ल मोहब्बत में गँवाया था गँवाया है कमाया कुछ नहीं जिस…

कवि/शाइर जीके पिपिल की एक ग़ज़ल… महबूबा अपनी सलामत रहे उम्र दराज़ हो जाये..

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————- गज़ल हर लफ़्ज़ इश्क़ में डूबा हुआ अल्फ़ाज़ हो जाये…