साहित्य कवि धर्मेन्द्र उनियाल ‘धर्मी’ की एक गढ़वाली रचना..मैंगाई की मार छा.. यू कनु अत्याचार छा June 18, 2021 admin धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ अल्मोड़ा, उत्तराखंड ———————————- मैंगाई की, मार छा, यू कनु अत्याचार छा, आटू…
साहित्य कवि जसवीर सिंह हलधर की गज़ल.. आया खिज़ां से जूझकर गुलशन बहार में.. February 26, 2021 admin जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ————————————— मुक्तिका (ग़ज़ल ) ———————————— आया खिज़ां से जूझकर गुलशन…
साहित्य डॉ अलका अरोड़ा की एक रचना… नया कुछ गीत गाए हम February 26, 2021 admin डॉ अलका अरोड़ा देहरादून, उत्तराखंड ————————————– काव्य जगत के नन्हें दीप ——————————————- नया कुछ गीत…
साहित्य कवि जसवीर सिंह हलधर की शानदार ग़ज़ल.. जरूर पढ़िए.. नाम मजहब पर कई बीमारियाँ हैं देश में.. February 22, 2021 admin जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ——————————————– ग़ज़ल (हिंदी) ————————- धर्म भी निरपेक्ष यह अय्यारियाँ हैं…
साहित्य ग़ज़ल कवि जसवीर सिंह हलधर की हिंदी गज़ल.. दिले जज़्बात लिखता हूँ तराने हिन्द गाता हूँ February 20, 2021 admin जसवीर सिंह हलधर देहरादून, उत्तराखंड ————————————– ग़ज़ल (हिंदी) —————————— दिले जज़्बात लिखता हूँ तराने हिन्द…
साहित्य डॉ अलका अरोड़ा की एक रचना… मेरे महबूब में सब था बस वफा ना थी February 5, 2021 admin डॉ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून ————————————– ये मेरा ही जुनूँ था —————————————- बेचैनी थी, तड़प…
साहित्य तारा पाठक की एक रचना.. दखल अंदाजी प्रकृति से मौसम हुआ भुलक्कड़ February 4, 2021 admin तारा पाठक वर्सोवा, मुंबई, महाराष्ट्र ——————————————– प्रकृति से छेड़खानी का नतीजा ———————————————— दखलअंदाजी प्रकृति से…
साहित्य कवयित्री पुष्पा जोशी प्राकाम्य की शानदार रचना भारत की बेटियों के नाम January 27, 2021 admin पुष्पा जोशी ‘प्राकाम्य’ उधमसिंह नगर, उत्तराखंड ——————————————— “बेटियाँ” —————————– हम भारत की बेटियाँ हैं, नहीं…
साहित्य गणतंत्र दिवस पर कवि जसवीर सिंह हलधर की शानदार रचना January 26, 2021 admin जसवीर सिंह ‘हलधर’ देहरादून, उत्तराखंड —————————————— गीत — गणतंत्र दिवस —————————————- महानता ज़हान को दिखा…
साहित्य डॉ अलका अरोड़ा की एक रचना, बारिशें मेरे आँगन से होकर जब भी गुजरी January 17, 2021 admin डाॅ अलका अरोड़ा प्रोफेसर, देहरादून ————————————— बारिशे मेरे आँगन से होकर जब भी गुजरी —————————————————…