कृष्ण जन्माष्टमी पर कवि जगदीश ग्रामीण की कान्हा को समर्पित एक रचना
जगदीश ग्रामीण देहरादून,उत्तराखंड —————————————– वाह रे कान्हा! ———————- कान्हा तेरा वो माखन चुराना गली गली…
जगदीश ग्रामीण देहरादून,उत्तराखंड —————————————– वाह रे कान्हा! ———————- कान्हा तेरा वो माखन चुराना गली गली…
वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————————– अति सुन्दर मनभावन पावन रूप तुम्हारा। तपते तन पर…
जाओ तुम आज सब्जी में नमक ज्यादा है, चावल थोड़ा गीले हो गए हैं रोटी…
डॉ अजय सेमल्टी गढ़वाल विश्वविद्यालय ——————————————– पहाड़ हूं मैं…. सीने पे खरोचें, सड़को पे झरने,…
हरीश कण्डवाल “मनखी” की कलम से ——————————————————————— बेखबर मत रहो दुनिया की हर खबर रखकर…
पागल फकीरा भावनगर, गुजरात ————————————- ज़िन्दगी से भी जाने दो ना जो तुमको छोड़ गई,…
सतीश बंसल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————- मंज़िलों की राह में ये मोड़ है कैसा बता ज़िन्दगी…
सुनील शर्मा गुरुग्राम, हरियाणा – ——————————————— आगे पग तो रखना होगा समर शेष है, सफर…
सुभाष चंद वर्मा देहरादून,उत्तराखंड ————————————– मेरा गांव नदी का किनारा पेड़ की छांव है, खेत…
सतीश बंसल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————— रियाया जुल्मतें सहती नही है देर तक हुकूमत जुल्म की…